अनिल सक्सेना, रायसेन। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचारी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला प्रदेश के रायसेन जिले से सामने आया है। जहां जिला पंचायत कार्यालय में पदस्थ लिपिक आशीष श्रीवास्तव सरपंच प्रतिनिधि से 20 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार हुआ है। बताया गया कि आरोपी लिपिक सरपंच प्रतिनिधि से रोजगार सहायक को सचिव का प्रभार दिलाने के लिए 25 हजार की रिश्वत मांग रहा था।
मामला जिले की तहसील गैरतगंज के ग्राम टेहरीमुरपार का हैं। ग्राम पंचायत टेहरीमुरपार में प्रभा बाई सरपंच और हरनाम सिंह लोधी सरपंच प्रतिनिधि के रूप में काम करते है। उसने लोकायुक्त में शिकायत करते हुए बताया कि ग्राम पंचायत में सचिव की पदस्थापना नहीं होने से ग्राम पंचायत का कार्य प्रभावित होता है। जिस पंचायत में सचिव नहीं होता, वहां नियम अनुसार कार्य ग्राम रोजगार सहायक को दिया जा सकता है।
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आरोपी लिपिक आशीष श्रीवास्तव पंचायत का कार्यभार देख रहे रोजगार सहायक मनोज यादव को सचिव का प्रभार दिलाने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी से मिलाने ले गया था। सचिव का प्रभार दिलाने के एवज में 25 हजार की राशि मांगी थी। शिकायत सही पाये जाने के बाद आरोपी को ट्रैस किया गया।
30 दिसंबर को हरनाम सिंह लोधी रिश्वत देने के लिए जिला पंचायत कार्यालय पहुंचा और उसने 20 हजार आरोपी आशीष श्रीवास्तव को दिए। इस दौरान लोकायुक्त ने छापा मारकर आशीष श्रीवास्तव को रंगे हाथ गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार की धारा-7 और 1988 (संशोधित 2018 ) का प्रकरण पंजीबद्ध किया हैं। ऑपरेटर आशीष श्रीवास्तव ने किस अधिकारी के लिए रिश्वत की मांग की थी यह जांच के बाद पता चलेगा।
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