अनिल सक्सेना, रायसेन। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने रायसेन के सोम डिस्टलरीज शराब फैक्ट्री पर छापा मार कार्रवाई की। जहां करीब 60 नाबालिग लड़के लड़कियां शराब बनाते पाए गए। जिनको स्कूल बस के माध्यम से फैक्ट्री में लाया जाता था और बाल मजदूरों को कम पैसे देकर 15-15 घंटे तक काम कराया जाता था। इन बाल मजदूरों के हाथ केमिकल से गलने लगे थे।
इधर, फैक्ट्री मालिक के खिलाफ एफआईआर के लिए आयोग तैयारी कर रही है। आबकारी अधिकारियों सहित जिले के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की बात कही गई है। बाल मजदूरों में छठवीं, नववीं और 12-13 साल के बच्चे बताया जा रहे हैं। इस कार्रवाई के बाद अन्य शराब कंपनी संचालकों में हड़कंप मच गया। वहीं आयोग का कहना है कि इस तरह के कार्य करने वालों को बक्सा नहीं जाएगा।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का कहना है बचपन बचाओ से शिकायत मिली थी कि रायसेन जिले के सेहतगंज में सोम डिस्टिलरीज नाम की शराब फैक्ट्री में बच्चों से बाल मजदूरी कराई जा रही है। जहां पर निरीक्षण के दौरान पाया गया 50 से अधिक बच्चे शराब बनाने का काम कर रहे थे। बच्चों को रेस्क्यू किया गया। जहां बच्चों को स्कूल बस में भरकर लाया जाता था। स्कूल बस मौके पर खड़ी मिली। बच्चों से कम पैसों में 15-15 घंटे काम कराया जाता था। हम पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा रहे हैं इसके मालिक को गिरफ्तार करवाएंगे।
आयोग बच्चों के मुआवजा के लिए काम करेगा। पुलिस को धारा 370 में कार्रवाई करने के लिए आवेदन लिखा गया है।मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बहुत संवेदनशील हैं। मामला उनके संज्ञन में आने के बाद वह दोषियों को नहीं छोड़ेंगे। वहीं आबकारी अधिकारी पर भी कार्रवाई करने की बात कही गई है। इसको भी किसी प्रकार से छोड़ा नहीं जाएगा।
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