अनिल सक्सेना, रायसेन। मध्य प्रदेश में नाबालिग बच्चियों और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और दुष्कर्म के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है। ताजा मामला रायसेन जिले से सामने आया है। जहां एक नाबालिग के साथ जिला बदर आरोपी ने रेप की घटना को अंजाम दिया। जिले के बरेली थाना अंतर्गत आने वाले गांव ढीमर ढाना की में एक जिला बदर आरोपी बदमाश ने पीड़िता के घर जाकर घर मे अकेली नाबालिग बच्ची को अपनी हवस का शिकार बना डाला।
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शर्मनाक बात तो यह है कि इतनी जघन्य घटना के बाद जब पीड़ित परिवार अपनी फरियाद लेकर थाने पहुंचा तो उसकी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई। पीड़िता को रिपोर्ट लिखवाने के लिये दिन भर भटकना पड़ा। पीड़िता की मां ने रायसेन महिला थाने आकर अपनी बच्ची के साथ हुई हैवानियत की दास्तां पुलिस को सुनाई इसके बाद भी पुलिस पीड़ित परिवार को नियम कायदे का पाठ पढ़ाते नजर आई। मीडिया के हस्तक्षेप के बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने पीडिता की रिपोर्ट दर्ज कराने का आश्वासन दिया।
इस पूरी घटना ने पुलिस की संवेदनशीलता पर भी सवाल खड़े किए हैं। ऐसे गंभीर मामले किसी मेट्रो सिटी में सामने आ जाते तो पुलिस फरियादी के इर्द-गिर्द नजर आती है। फिलहाल घटना के 48 घंटे बाद पीड़िता की रिपोर्ट ना तो बरेली थाने में दर्ज हुई और ना ही जिला मुख्यालय पर बने महिला थाने में.. पीड़िता के माता-पिता न्याय की गुहार लगाते हुए अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगाते नजर आए।
पीड़िता की मां ने बताया कि उसका पति झगड़े के एक झूठे मामले में जेल में बंद है। बीते 14 जुलाई को गांव का बदमाश अभिषेक ठाकुर पुत्र नरेश पुरविया ने मेरी 16 वर्षीय पुत्री आशा के साथ घर पर अकेली धमकी देते हुए जोर जबरदस्ती कर बलात्कार किया। डर के कारण बच्ची ने घर पर किसी को कुछ नही बताया। लेकिन रविवार 23 जुलाई को वो फिर एक बार सुने घर मे आकर मेरी बच्ची के साथ गलत काम करके चला गया। इस बार घटना के समय मेरे पति जेल से छूट कर आ चुके थे, लेकिन उस समय वह खेत पर मेरे साथ धान लगाने गए हुए थे।
पीड़िता की मां ने आगे कहा मेरे छोटे बच्चे स्कूल गए थे और घर पर आशा अकेली थी। जब हम शाम खेत पर से लौटे तो बच्ची रोते हुए माँ से लिपट गयी और बोली कि नरेश के लड़के ने मेरे साथ गलत काम कर धमकी देकर गया कि अभी तो तेरे बाप को जेल भेजा था तूने किसी को कुछ बताया तो तेरे बाप को जान से मार दूंगा। इसके बाद रात किसी तरह निकली और सुबह हम महिला थाने रायसेन आकर पूरी बात पुलिस को बताई। पीड़ित परिवार को डर है कि जिला बदर बदमाश इस बीच उनके साथ कोई भी घटना कार्य कर सकता है।
घटना के बाद पुलिस थानों के चक्कर काटने के बाद पीड़िता जब अपने मां बाप के साथ जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची तो यहां महिला सेल की एएसपी ने बंद कमरे में पीड़िता की आपबीती सुनी जिसके बाद पीड़िता की मां के आवेदन पर शीघ्र रिपोर्ट दर्ज कराने का आश्वासन दिया गया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए हर जिले में महिला थाना स्थापित किए गए हैं, लेकिन पीड़ितों को महिला थाने से रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है। वहीं पीड़िता को बताया जा रहा है कि आपके तहसील स्तर के थानों में ही रिपोर्ट दर्ज होगी। महिला अपने न्याय के लिए जब महिला थाना पहुंची तो उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
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