अनिल सक्सेना, रायसेन। विश्व धरोहर दिवस के मौके पर रायसेन के रामछज्जा शैलचित्र स्थान पर शोध करने आए बनारस और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्राओं ने शैल चित्रों की हालत देखकर गंभीर चिंता जताई है। असामाजिक तत्वों और खनिज माफियाओं के कारण इस धरोहर का दिनों दिन क्षरण हो रहा है। एक शोधकर्ता ने दावा किया है कि यहां बने शैल चित्र विश्व प्रसिद्ध स्थान भीम बैठिका से भी ज्यादा स्पष्ट और बढ़िया स्थिति में है। लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा अनदेखी के कारण लोग इन स्थानों पर आकर पिकनिक पार्टी कर रहे हैं। जिससे इनके अस्तित्व पर बड़े सवाल खड़े होने लगे हैं।

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दरअसल, विश्व धरोहर दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश के सीनियर पुरातत्वविद नारायण व्यास और उनकी टीम ने आज रायसेन के राम सज्जा स्थित शैल चित्रों पर भ्रमण कर एक गोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें शोधकर्ता छात्र-छात्राओं समेत स्थानीय इतिहास संकलन समिति के सदस्य और पुरातत्व प्रेमी मौजूद रहे। इस दौरान सभी ने राम छज्जा के स्थान को संरक्षित करने और यहां पर बेशकीमती आदिमानव काल की धरोहर रॉक पेंटिंग को संरक्षित करने के लिए जिला प्रशासन से मांग की।

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माफिया पहुंचा रहे नुकसान

दरअसल, इस इलाके में अवैध रूप से खनिज माफिया पहाड़ी की तलहटी में मुरम का उत्खनन कर रहे हैं। जिससे पूरे इलाके का क्षरण तेजी से हो रहा है। साथ ही नगर पालिका द्वारा यहां ट्रेंचिंग ग्राउंड का निर्माण कर कचरे का निष्पादन कार्य कराया जा रहा है, जिससे पूरा रास्ता गंदगी से सराबोर रहता है। शोधकर्ताओं ने चिंता व्यक्त कर इस इलाके को संरक्षित करने के लिए सरकार से मांग की है।

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