नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के दौरान सांसद राजीव शुक्ला ने राज्य सभा में बेमौसम बारिश से छत्तीसगढ़ में फसलों को हुए नुकसान को लेकर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री से सवाल किया. उन्होंने फसलों को भारी नुकसान होने की बात कहते हुए किसानों को मुआवजा दिए जाने के प्रस्ताव पर जानकारी मांगी.
सांसद राजीव शुक्ला ने सवाल के जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने मार्च महीने में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से 18179.647 हेक्टेयर कृषि / बागवानी फसल क्षेत्र प्रभावित होने की जानकारी दी है. राज्य के 18 जिलों के 27,658 किसान प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मुख्य रूप से प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर आवश्यक राहत उपाय करने के लिए जिम्मेदार है.
मंत्री ने बताया कि राहत उपाय करने के लिए राज्य सरकार के पास राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के रूप में निधियां उपलब्ध हैं. स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार, गंभीर प्रकृति की प्राकृतिक आपदाओं के लिए एसडीआरएफ के अलावा, राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (एनडीआरएफ) अतिरिक्त वित्तीय सहायता पर विचार किया जाता है. एसडीआरएफ/एनडीआरएफ मानदंडों के तहत अनुमोदित सहायता राहत के रूप में प्रदान की जाती है.
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को वर्ष 2023-24 के लिए एसडीआरएफ के तहत 508 करोड़ रुपए (केंद्रीय हिस्सेदारी के रूप में 380.80 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सेदारी के रूप में 127.20 करोड़ रुपए) आवंटित किए गए हैं. वर्ष 2023-24 के दौरान एसडीआरएफ के केंद्रीय हिस्से के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को 181.60 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है.
इसके अलावा भारत सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न फसल हानि / नुकसान से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने, प्रतिकूल मौसम की घटनाओं और किसानों की आय को स्थिर करने के लिए खरीफ 2016 सीज़न से उपज आधारित “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” (पीएमएफबीवाई) और मौसम आधारित “पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना” (डब्ल्यूबीसीआईएस) शुरू की है.
मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत फसल कटाई- पूर्व से लेकर फसलोपरान्त नुकसान तक व्यापक जोखिम बीमा प्रदान किया जाता है. इस योजना के तहत, दावों का भुगतान केवल उन्हीं किसानों को किया जाता है, जिन्होंने अपनी फसलों का बीमा कराया है और राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित क्षेत्र / फसल में किसी भी अधिसूचित फसल बीमा योजना के तहत अपने हिस्से के प्रीमियम का भुगतान किया है. यह योजना राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों के लिए वैकल्पिक है. छत्तीसगढ़ राज्य सरकार प्रारंभ से ही इस योजना का कार्यान्वयन कर रही है.