शुभम जायसवाल, राजगढ़। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के राजगढ़ में मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। हितग्राहियों ने अधिकारियों पर फर्जीवाड़ा करने के आरोप लगाएं हैं। उनका कहना है कि 50 हजार रुपए रिश्वत नहीं देने पर उन्हें अपात्र बताकर फॉर्म ही रिजेक्ट कर दिया गया। साथ ही नीलामी भी चोरी छिपे कर दी गई। उन्हें जानकारी तक नहीं दी गई।
दरअसल, मध्य प्रदेश में तकरीबन 26,000 उचित मूल्य की दुकान (PDS) है। जहां से गरीब परिवारों को राशन प्रदान किया जाता है। इन दुकानों पर गोदामों से राशन पहुंचाया जाता है। लेकिन जो परिवहन किया जाता है, उसमें बहुत तरह के घोटाले सामने आ रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने ऐसे घोटाले को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना शुरू की है। इस योजना में प्रदेश के युवाओं को वाहन उपलब्ध कराकर गोदामों से खाद्य सामग्री को उचित मूल्य की दुकानों पर पहुंचाने के लिए स्वरोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। जिन युवाओं को चयनित किया जाता है उनसे सरकार 7 वर्ष का अनुबंध भी करती। साथ ही सरकार खाद्यान्न मात्रा के अनुसार ₹45 से लेकर ₹65 तक प्रति क्विंटल परिवहन का किराया भी देगी।
लेकिन राजगढ़ जिले में अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं। ब्यावरा ब्लॉक के हितग्राही विनोद यादव का आरोप है कि इस योजना का लाभ देने के लिए उससे ₹50000 की डिमांड की गई। जब उसने रिश्वत देने से मना कर दिया गया तो कागजों में कमी बता कर उसका फॉर्म ही रिजेक्ट कर दिया गया। जबकि जिन कागजों की कमी बताई गई थी वो कागज भी दे दिए गए थे।
वहीं खिलचीपुर ब्लॉक के मांगीलाल वर्मा का आरोप है कि सोमवार को फूड विभाग की तरफ से फोन आया था कि मंगलवार को ऑक्शन है। पांच फॉर्म ऑक्शन में थे। पांच लोगों की पर्ची थी, जिसमें एक नाम ऐसा था जो कि खिलचीपुर ब्लॉक में पात्र नहीं था, उसके बावजूद भी उसे अपात्र नहीं किया गया और ऑक्शन में अपात्र व्यक्ति की ही नाम की पर्ची निकल गई, जो पात्र थे उन्हें अपात्र बताया गया और जो अपात्र है उन्हें पात्र बता दिया गया। ऑक्शन में सिर्फ एक ही हितग्राही को बुलाया गया। वहीं राजगढ़ ब्लाक के हरिओम गुर्जर का कहना है कि कब ऑक्शन कर दिया गया, इसकी भानक तक नहीं लगी।
वहीं इस पूरे मामले में डीएसओ देवेंद्र दीक्षित का कहना है कि जिन-जिन ब्लॉक में एक से अधिक आवेदन हुए हैं, केवल वहीं ड्रॉ करके जो पात्र हैं उनकी पर्ची निकली है और अभी ब्यावरा का फाइनल नहीं हुआ है जो फॉर्म रिजेक्ट हुए हैं उनको एक बार चेक करने के बाद ही ब्यावरा में एक सिंगल आवेदन है जो पात्रता की श्रेणी में अभी आ रहा है अगर वो केवल पात्र होगा तो उसको गाड़ी एलोड करेंगे और जो बाकी रिजेक्ट वाले हैं उनको देख कर ही रिजेक्ट करेंगे।
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