मनीष राठौर, राजगढ़। मध्यप्रदेश के राजगढ़ (Rajgarh) में 15 दिन पहले एक परीक्षा केंद्र से कक्षा 12 के विज्ञान विषय के पेपर लीक होने की बात सामने आने पर जिला शिक्षा अधिकारी करण सिंह भिलाला ने केन्द्राध्यक्ष सहित चार कर्मचारियों को निलंबित किया था। घटनाक्रम के 15 दिन बीत जाने के बाद भी सस्पेंड हुए कर्मचारी प्रश्न पत्र लीक करा किसको लाभ दिला रहे थे किस मोबाइल फोन से पेपर को वायरल किया गया, इसका खुलासा नहीं हो सका। जबकि पेपर लीक होने का मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं सोशल मीडिया पर इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग हो रही है।

पिपल्या कुल्मी परीक्षा केंद्र का पेपर लीक मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। मामले में केन्द्राध्यक्ष रेखा बैरागी, सहायक केंद्र अध्यक्ष रामसागर शर्मा, धनराज पाटीदार और लिपिक का काम करने वाली आराधना शर्मा पर जिला शिक्षा अधिकारी ने र्कावाई करते हुए निलंबित किया था। लेकिन अब तक पेपर लीक करवाने वाले मास्टर माइंड से पर्दा उठना बाकी है। सरकारी स्कूलों के शिक्षक किसको लाभ पहुंचा रहे थे। यह जांच से ही सामने आ सकता है।

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पुलिस रिपोर्ट में पिपल्या कुल्मी पेपर लीक 10 मार्च को सुबह 6 बजे का समय दर्ज हुआ है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रश्न पत्र पेपर पहले ही तो नहीं खुले वहीं दूसरा सवाल जब बीईओ ने लिपिक की ड्यूटी कन्या हायर सेकेंडरी केंद्र पर लगाई तो केंद्राध्यक्ष ने अलग आदेश क्यों जारी किया और इसकी सूचना बीईओ कार्यालय को क्यों नहीं दी, यह भी जांच का विषय है।

छात्र दिन रात पढ़ाई कर अच्छे अंक लाकर शासन की लैपटाप योजना, मेधावी छात्रवृत्ति योजना प्राप्त कर अच्छे से अच्छे काॅलेजों में दाखिला लेकर अपने भविष्य संवारने की मंशा रख परीक्षा की तैयारी करते हैं। लेकिन सरकारी महकमे के ही लोग परीक्षार्थी के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगा देते है। ब्लॉक में हुए पेपर लीक मामले कि सरकारी एजेंसी से जांच होती है तो इस मामले से जुड़े और भी चेहरे सामने आ सकते है। एमपी बोर्ड और जिला प्रशासन परीक्षा संचालित करने के लिए व्यापक इंतजाम करते है। जिसमें सभी कर्मचारियों की सहभागिता सुनिश्चित रहती है। इसके बाद भी परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर शिक्षा माफिया सक्रिय हो रहे है।

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सोशल मिडिया पर चर्चा का विषय बना पेपर लीक मामला

सोशल मीडिया पर 12 क्लास का पेपर लीक होने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों ने पर्चा निरस्त कर बड़ी एजेंसी से जांच कराने की बात कह रहे हैं। पेपर लीक में कौन लोग शामिल हैं। पेपर कैसे लीक किया, किन लोगों को लाभ पहुंचाने सहित अन्य पहलुओं की जांच होना, वहीं स्ट्रांग रुम में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से पेपर निकालने का समय, स्कूल में पेपर बंडल की कंडीशन, कौन सा मोबाइल जिससे पेपर वायरल हुआ, जांच से ही पूर मामले का खुलासा संभव है।

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इस प्रक्रिया से केंद्र तक पहुंचते पेपर

स्ट्रांग रुम से बोर्ड परीक्षा पेपर सुबह 7.30 से निकालने की तैयारी होती। यदि नजदीक में परीक्षा केंद्र है तो केन्द्राध्यक्ष सहित सहायक और लिपिक 8 बजे के बाद पेपर लेते है। यदि केद्र दूर है तो साढ़े सात बजे पेपर लेकर केंद्र के लिए रवाना होते। 8.30 बजे छात्र परीक्षा कक्ष में जाते वहीं पर्यवेक्षक भी अपने अपने कक्ष में पहुंच बच्चों की तलाशी लेकर बैठाते है। सभी कर्मचारी कक्ष में चले जाते है। इसी दौरान 8.30 बजे केन्द्राध्यक्ष सहायक केन्द्राध्यक्ष और लिपिक जो नियुक्त रहते है। पेपर बंडल की जांच पड़ताल कर दो परीक्षार्थियों के हस्ताक्षर कराकर बंडल खोलते। पेपर निकालने के बाद कमरों में छात्र संख्या के हिसाब से पेपर लिफाफे में डालते है। इस पूरी प्रक्रिया में 15 से 20 मिनिट का समय लगता है। परीक्षा समय के 5 मिनट पूर्व दोनों सहायक केंद्र प्रभारी कक्ष तक पेपर पहुंचाते हैं। इस प्रक्रिया में सावधानी बरतने के लिए केंद्र प्रभारी को निर्देशित किया जाता है।

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