मनीष राठौर, राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ से एक बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां अंध विश्वास के चक्कर में पड़े एक शख्स को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। घटना जीरापुर के मालवीय मोहल्ले की बताई जा रही है। यहां एक दंपत्ति अपनी 7 साल की मूकबधिर बच्ची को इलाज के लिए लेकर आए हुए थे। लेकिन मासूम का उपचार तो होने से रहा, उल्टा बच्ची के पिता को अपनी जान गंवानी पड़ गई। 

हैवानियत: बेटे की चाहत में कसाई बना पिता, 4 माह की मासूम को उतारा मौत के घाट, पसरा मातम 

मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान के पाली जिले के रहने वाले गणपत अपनी पत्नी और  एक सात साल की बेटी को साथ लेकर पास के गांव भंडावद में कुआ खोदने का काम कर कर रहे थे। दंपत्ति की बच्ची जन्म से ही बोल नहीं पाती है। गरीब होने के बावजूद भी उन्होने अपनी बेटी का काफी इलाज कराया परंतु वह ठीक नहीं हो सकी। इस दौरान मृतक की पत्नी मोरी देवी को कही से पता चला की जीरापुर के मालवीय मोहल्ले में पिपल्दा रोड पर एक पंडाजी के शरीर में देवता आते है, जिससे वो जात्रा कर लोगों को ठीक करने का दावा करता है। जिसके बाद पहली बार जब ये दंपत्ति पंडा के पास पहुंचा तो उसने दावा किया कि 5 जात्रा करने पर बच्ची बिल्कुल ठीक हो जाएगी। जिसके बाद वे लोग यहां आने लगे।

दवा निर्माता कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव पर FIR: पत्नी ने दहेज में 25 लाख और कार मांगने का लगाया आरोप, घर से निकाला बाहर

मृतक गणपत की पत्नी ने बताया की आज चौथी जात्रा थी। दोपहर 12 बजे के लगभग उसकी बेटी को लेकर दोनों पति पत्नी जात्रा कराने गये थे। उन्होने बताया कि हम एक ओर दूर  खड़े थे, जहां पंडा गोपाल मालवीय को देवता आया और वो भाला लेकर झूमने लगा। इसी दौरान भाला दूर खड़े उसके पति गणपत की गर्दन पर जा लगा। जिसके बाद वो खून से लथपथ होकर वहीं गिर पड़ा। जब उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिलहाल पुलिस आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में में जुट गई है।  

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus