मनीष राठौर, राजगढ़। सरकार गरीबी हटाने का चाहे लाख दावा करे या फिर अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुंचने की बात करे, लेकिन कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आ जाती है जो पूरे सिस्टम को आईना दिखाने का काम करती है। ऐसी ही बेबसी और बदहाली की एक ऐसी मार्मिक तस्वीर मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के पचोर से सामने आई है, जहां लक्ष्मी बाई नाम की महिला बिना कुछ खाए बैलगाड़ी पर कुछ सामान और एक मासूम बच्ची को बिठाकर 30 किलोमीटर तक हाथ से बैलगाड़ी को खींचने को मजबूर हुई। जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
दरअसल, महिला के पति का देहांत हो चुका है। उसके पास रहने के लिए घर तक नहीं है। वह घूम-घूम कर पचोर के आस-पास के गांवों में मजदूरी करती है और जहां रात हो जाती है, वहीं ठहर जाती है। उसकी एक बेटी भी है, हरदम उसके साथ रहती है। उसे रोज दो वक्त की रोटी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। महिला गरीबी से इतनी मजबूर है कि उसके पास दो वक्त का खाने के लिए भोजन तक का भी जुगाड़ नहीं है और नहीं आने जाने के लिए कोई साधन व रुपए हैं। जब महिला अपनी बेटी को साथ लेकर पचोर से सारंगपुर की ओर बैलगाड़ी अपने हाथों से खींच कर ले जाती हुई दिखाई दी तो हर किसी का दिल पिघल गया।
बैलगाड़ी को खींचते हुए जब महिला ने 15 किलोमीटर का सफर तय किया।तब जन शिक्षक देवी सिंह नागर की नजर उन पर पड़ी तो उन्होंने मदद करने के लिए आगे आए और बाइक से गाड़ी को बांधकर सारंगपुर तक पहुंचाया।
महिला ने बताया कि जब से उनके पति की मौत हुई है। तब से यही हाल है। मुश्किल से एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता है। ना रहने के लिए घर है ना पेट पालने के लिए कोई साधन है। कोई मदद करने के लिए आगे भी नहीं आता। ऐसे में सरकार की योजनाओं पर सवाल उठना लाजिमी है। आखिर ऐसे लोगों को योजनाओं का लाभ क्यों नहीं मिल पाता है।
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