सुशील खरे,रतलाम।मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में पशु चिकित्सा विभाग के प्रभारी उप निदेशक के भ्रष्ट आचरण का ऑडियो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल ऑडियो वीडियो में उपसंचालक डीके जैन विभाग के ही चतुर्थ वर्ग कर्मचारी से तनख्वाह निकालने के नाम पर 2 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं. कर्मचारी ने जब कहा कि वह 500 रुपये पहले ही दे चुका है, उसके पास इतने रुपए नहीं है. जिस पर डॉक्टर जैन यह कहा कि तुम्हारी रिपोर्ट भी सही नहीं आ रही है. 10 दिन की तनख्वाह अटक जाएगी. 2 हजार रुपये लेकर आ जाओ तुम्हारा काम तत्काल हो जाएगा.
यही नहीं एक अन्य वीडियो में उप संचालक डॉ. डीके जैन विभाग की योजना के हितग्राही से फॉर्म भरने के नाम पर हजारों रुपये लेते हुए दिख रहे हैं. प्रभारी उप संचालक बकायदा रुपए मांगने का कारण अभी बता रहे हैं. जिसमें वह हितग्राही को फॉर्म भरने में होने वाली मशक्कत और माथापच्ची का जिक्र कर रहे हैं. इस मामले में पीड़ित कर्मचारी ने कॉल रिकॉर्डिंग कर लोकायुक्त में भी भ्रष्ट अधिकारी की शिकायत की थी. लेकिन लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार की पुष्टि करने के लिए लगाए गए ट्रेप से डॉक्टर डीके जैन बाल-बाल बच गए. जिसके बाद वह इस मामले को रफा-दफा करने में जुटे हुए हैं. शिकायतकर्ता कर्मचारी पर भी उपसंचालक दबाव बना रहे हैं.
कैमरे के सामने नहीं आने और पहचान उजागर नहीं किए जाने की शर्त पर पीड़ित कर्मचारी ने बताया कि डॉक्टर डीके जैन से पूरे विभाग के कर्मचारी परेशान है. डॉ जैन विभाग की मीटिंग में अधीनस्थ कर्मचारियों से रुपए इकट्ठे कर देने को कहते है. यहां तक की डॉक्टर जैन भाजपा नेताओं, विधायकों और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को रुपए देकर प्रभारी उपसंचालक का पद प्राप्त करने की बात भी विभागीय मीटिंग में खुलेआम बोलते हैं. कर्मचारियों से हफ्ता वसूली करने वाले डॉ. डीके जैन रुपए लेने के पीछे कारण बताते है कि भाजपा की सरकार में सबको रुपए ऊपर तक देना पड़ता है.
पीड़ितों कर्मचारी ने स्वीकार किया कि उसकी तनख्वाह निकलवाने के लिए डॉक्टर जैन उससे ₹2000 की मांग कर रहे थे. जिसकी रिकॉर्डिंग उसने अपने मोबाइल में कर ली थी. ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ लोकायुक्त उज्जैन कार्यालय में पीड़ित कर्मचारी ने शिकायत भी की थी. इसी दौरान डॉ जैन ने उसे कार्यालय में बुलाकर उसका मोबाइल अपने सामने तुड़वाया और नए फोन के लिए रुपए भी दिए.
हालांकि वायरल ऑडियो की अधिकारिक लल्लूराम डॉट काम नहीं करता है, लेकिन जब रिपोर्टर ने भ्रष्ट डॉ. डीके जैन से बात की, तो वो कैमरे पर बोलने से मना करते रहे. साथ ही फोन पर बोले कि न्यूज़ मत बनाओ बदनामी होगी. पुराना वीडियो है. 3 साल पहले का है. मैं पशु बीमा की क़िस्त ले रहा था. ऑडियो के बारे में कहा कि इसकी पुष्टि कौन करेगा. मेरा चपरासी गुंडा है. हालांकि डीके जैन बचते और सफाई देते नजर आए.
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