सुशील खरे, रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम के दारुल उलूम आयशा सिद्दीका तिलबिनात मदरसे में लड़कियों के कमरे में लगाए गए कैमरों के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सख्ती दिखाई है। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मदरसे को क्लीनचिट देने पर एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव को मदरसे का प्रवक्ता बताया। कानूनगो ने ट्वीट कर एडीएम को बाल अधिकारों पर ट्रेनिंग देने को कहा है।

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कानूनगो के ट्वीट के बाद मंगलवार दोपहर कलेक्टर राजेश बाथम, जिला पंचायत सीईओ शृंगार श्रीवास्तव, शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी रजनीश सिन्हा मदरसे पहुंचे। लड़कियों से बातचीत की। खाचरोद रोड पर चलने वाले इस मदरसे में 47 बच्चियों का कक्षा 2 से 7वीं में एडमिशन कराकर उन्हें बुक्स दीं। मदरसे की जमीन के दस्तावेज भी देखें।

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कलेक्टर राजेश बाथम ने बताया बाल आयोग की सदस्या आई थीं। अभी उनकी निरीक्षण रिपोर्ट नहीं मिली है। शहर के कुछ मदरसों में खामियां पाई हैं। नोटिस दिया जा रहा है। बाल आयोग की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। दूसरी क्लास में 8, तीसरी में 7, चौथी में 16, पांचवी में 1, छठी में 11 और 7वीं में 4 मदरसे की लड़कियों का स्कूल में एडमिशन कराया है।

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