सुशील खरे, रतलाम। प्रदेश के मुखिया एक तरफ कह रहे है कि गरीब को बिना आशियाने के अब नहीं रहने दिया जाएगा। गरीब को आशियाने के लिए  जमीन का पट्टा सरकार देगी। लेकिन प्रदेश के मुखिया की बात के विपरीत सरकारी अमला जमीन के पट्टे मांगने पहुंची महिलाओं को धक्के मार कर भगा  रहा है। इसका नजारा रतलाम के कलेक्टर कार्यालय में देखने को मिला। जहां सरकारी जमीन का पट्टा मांगने पहुंचे आमजनों  के द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों एसडीएम और पुलिस कर्मियों के द्वारा ग्रामीणों से दुर्व्यवहार किया गया। मामला बीते शुक्रवार का है, जिसका वीडियो आज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। 

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रतलाम शहर के  टैंकर रोड़ के रहवासी महिला और पुरुष  बड़ी संख्या में कलेक्टोरेट पहुंचे। ये सभी जहां निवास कर रहे है, उस जमीन का पट्टा दिए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन  देने पहुंचे थे। इन सभी को  कलेक्टोरेट में नही घुसने दिया गया तो ये सभी महिला और पुरुष   कलेक्टोरेट के सामने  चक्काजाम करने लग गए।  तपती धूप में इन महिलाओं के साथ उनके छोटे छोटे बच्चे भी थे। ये सभी वर्षो से सरकारी जमीन पर मकान बनाकर रह रहे है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा यह घोषणा किये जाने के बाद कि जो गरीब जहां निवास कर रहा है उसको उसी जमीन का पट्टा बनाकर दिया जाकर स्थायी आशियाना प्रदान किया जाएगा। 

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मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद इन गरीब लोगों की आस जग़ी ओर यह अपने पट्टे दिए जाने की मांग को लेकर कलेटोरेट पहुच गए थे। सालों  से टैंकर रोड़ की सरकारी जमीन पर मकान बना कर  रह रहे  इन रहवासियों ने जमीन के पट्टे की मांग करी तो प्रशासन ने जमीन नीजि होना बता कर इन्हें हटने को कह दिया है। प्रशासन की दोहरी नीति से त्रस्त इन रहवासियों ने कलेक्टर कार्यालय के सामने सड़क पर जाम कर चक्का जाम किया।

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प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी चिलचिलाती धूप में अपना हक मांगने के लिये पसीना बहाते हुए शरीक हुए थे। कानून का डंडा बताते हुए शहर एसडीएम संजीव केशव पांडेय पुलिस कर्मियों को लेकर हटाने पहुंच गए। प्रदर्शन में महिलाएं अधिक थी लेकिन प्रशासन के साथ एक भी महिला पुलिस नही थी। अति तो उस वक्त हो गई जब पुरुष पुलिस कर्मियों ने ही महिलाओं के साथ धक्का मुक्की कर हटाना शुरू कर दिया। स्वयं एसडीएम धक्का देते नजर आए। वैसे तो शहर में अनेको आंदोलन होते है , जिनमे राजनीतिक नेताओं के होने से कानून बेअसर हो जाते है,लेकिन जब गरीबों का राजनैतिक प्रदर्शन हो तो पुलिस के कानून भी तत्काल असर दिखाते नजर आते है। स्टेशन रोड पुलिस ने भी तत्काल रेखाबाई और जितेंद्र सहित साथियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने में देर नही की।

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