भोजपुरी अभिनेता और गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन (Ravi Kishan) ने संसद में समोसे (samosa) के स्वाद और खाद्य गुणवत्ता को लेकर आवाज उठाई. उन्होंने संसद की कैंटीन में मिलने वाले समोसे की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए, जिससे सदन में हल्का-फुल्का माहौल बन गया. बुधवार को सांसद ने सरकार से देशभर के होटलों, रेस्टोरेंट, ढाबों में परोसी जाने वाली खाने की चीजों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने की मांग की. उन्होंने शून्यकाल के दौरान कहा कि देश में कहीं भी, किसी भी खाद्य पदार्थ या व्यंजन की कीमतों और गुणवत्ता में कोई यूनिफॉर्मिटी नहीं है.

रवि किशन ने एक्स पर एक पोस्ट साझा किया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘देशभर के होटल और ढाबों में मिलने वाले भोजन की मात्रा का मानक तय हो. मेन्यू कार्ड में सिर्फ कीमत लिखी होती है, मात्रा नहीं. जिससे ग्राहकों को भ्रम होता है और भोजन का वेस्टेज भी होता है. मेरी मांग है कि सरकार एक ऐसा कानून बनाए जिससे मेन्यू में मूल्य के साथ-साथ खाद्य पदार्थ की मात्रा का भी उल्लेख हो.’

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इसके अलावा रवि किशन ने लिखा कि ‘उपयोग किए गए तेल या घी की जानकारी भी मेन्यू में दी जाए. ग्राहक का अधिकार है कि वह जाने कि वह कितनी मात्रा के लिए कितना भुगतान कर रहा है’. सांसद ने सत्र के दौरान कहा कि खाने का मात्रा को लेकर को मानक नहीं है. कहीं छोटा समोसा मिलता है, तो कहीं बड़ा समोसा मिलता है. किसी ढाबे में दाल तड़का 100 रुपये में तो किसी में 120 रुपये में मिलता है. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बदलाव किए हैं, लेकिन ये क्षेत्र अधूरा रह गया है. इसलिए, मैं मांग करता हूं कि सरकार एक कानून लाए ताकि ग्राहकों को खाना किफायती दामों पर मिल सके.