उज्जैन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज देश के 75 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेश वासियों को बड़ी सौगात दी है। सीएम ने चित्रकूट को विश्व-स्तरीय धार्मिक एवं पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा की है। साथ ही मेडिसिटी की स्थापना करने का निर्णय लिया है। इस मेडिसिटी की सौगात सबसे पहले उज्जैन शहर को मिलेगी साथ ही ग्वालियर के बाद पहली बार विक्रमोत्सव पर उज्जैन में पहली बार होगा व्यापार मेला का आयोजन करने की घोषणा की है।
Republic Day 2024: सीएम डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में फहराया तिरंगा, ध्वजारोहण कर परेड की ली सलामी
सीएम ने अपने भाषण के दौरान कहा भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा के केंद्र श्री राम प्रभु के चरणों में विनयांजलि के रूप में राज्य सरकार ने श्री राम वन गमन पथ के सभी प्रमुख स्थलों का विकास करते हुए चित्रकूट को विश्व-स्तरीय धार्मिक एवं पर्यटन स्थल का स्वरूप प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसी प्रकार, ओरछा के श्री राम राजा परिसर में सरकार श्रीराम राजा लोक के विकास का पुनीत कार्य कर रही है
भारतीय गणराज्य के 75 वें गणतंत्र दिवस के मंगल अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आज ये अमृत काल का पुण्य प्रताप है कि स्वतंत्र भारत के अमृत महोत्सव के अभूतपूर्व आयोजन के बाद अब गणतंत्र भारत के अमृत महोत्सव का शुभागमन हुआ है। देश के जन-गण-मन में देशभक्ति का अपार उत्साह और उमंग का महासागर हिलोरें ले रहा है।
राज्य सरकार की पहल पर पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुए जिला पुलिस बैंड की धुन पर बजते देशभक्ति के तराने, देश के लिए जीने और देश के लिए मरने की प्रेरणा दे रहे हैं। इस पावन अवसर पर मैं भारत माता की आज़ादी के लिए हँसते-हँसते सूली चढ़ने वाले अमर शहीदों के चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। विश्व पटल पर भारत को संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य के रूप में स्थापित करने में महती भूमिका निभाने वाले डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर एवं अन्य सभी संविधान निर्माताओं के प्रति हृदय से कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं।
यह एक अद्भुत संयोग है कि राष्ट्र-पर्व के ठीक पहले राष्ट्र-गर्व के एक महान प्रसंग ने अयोध्या में स्वर्णिम अध्याय रच दिया है। विश्व हृदय सम्राट हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरिमामयी उपस्थिति में नव-निर्मित श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीराम की भव्यातिभव्य प्राण प्रतिष्ठा से भारत में राम राज्य की संकल्पना जीवंत और जयवंत हो गई।
रोम-रोम में बसने वाले श्रीराम के स्वागत में घर-घर में दीवाली मनाई गई और मंदिर-मंदिर दीप जलाए गए, भजन-कीर्तन किए गए। काल के केन्द्र भगवान महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन से 5 लाख लड्डू प्रसाद के रूप में मध्यप्रदेश की मिठास अयोध्या भेजी गई।
सभी जिलों में प्रभात फेरियां, कलश यात्राएं निकाली गईं, विशेष स्वच्छता अभियान चलाए गए। मंदिरों, पवित्र नदियों और जलाशयों में दीपदान किए गए। सभी शासकीय भवनों को रोशनी से जग-मग किया गया।