आशुतोष तिवारी, रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा (Rewa) जिले के सिरमौर चौराहे में स्थित अग्रसेन बुक एजेंसी (Agrasen Book Agency) में प्रशासनिक टीम ने अचानक दबिश दी। इस दौरान प्रशासनिक टीम ने अग्रसेन बुक एजेंसी में जब जांच शुरू की तो चौका देने वाला खुलासा हुआ। दरअसल जिला प्रशासन को शिकायत मिली थी की दुकानदार द्वारा किताबों में MRP (Maximum retail price) के ऊपर अलग से टैग लगाकर नई एमआरपी डालकर ज्यादे कीमत पर किताबे बेचीं रही हैं, जांच में यह शिकायत सही पाई गई। जिसके बाद कार्रवाई करते हुए टीम ने दुकान को सील दिया है।
स्कूलों का नया सत्र शुरु हो गया है तो वहीं किताबों की बिक्री भी बढ़ गई है, ऐसे में दुकानदार ज्यादा कमाई के चक्कर में किताबों के रेट के ऊपर नए रेट का टैग लगाया जा रहा है। जो निर्धारित कीमत से 50 से 100 रुपए से ज्यादा रहता है। स्कूल शुरु होते ही किताबें खरीदना अभिभावकों की मजबूरी है, जिसका फायदा उठाकर दुकानदार ज्यादा मुनाफे के चक्कर में अभिभावकों की जेब में डाका डालने का काम कर रहे हैं। रीवा कलेक्टर प्रतीभा पाल को किताबों में रेट गड़बड़ी करने की जानकारी मिली थी, जिस पर कलेक्टर ने एसडीएम अनुराग तिवारी को कर्रवाई करने के निर्देश दिए। कलेक्टर के निर्देश मिलते ही एसडीएम ने अपनी टीम के साथ सिरमौर चौराहे पर संचालित अग्रसेन बुक सेंटर में दबिश देकर छापामार कार्रवाई की।
जांच के दौरान शिकायत सहित मिली तो दुकान को सील कर आगामी कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान टीम ने जब जांच शुरू की तो उनकी आंखे फटी के फटी रह गई। संचालक ने किताबों के कवर पर अंकित एमआरपी के ऊपर नई एमआरपी चढ़ाकर प्रति किताबों में 50 या फिर 100 रुपए के बढ़ोत्तरी की जाती थी। इस में अभिभावकों को अच्छी खासी चपत भी लगती थी और बुक एजेंसी का संचालक धड़ल्ले से काली कमाई करने में जुटा हुआ था। टीम ने किताबों में अंकित जब एमआरपी को खुरेदना शूरू किया तो उसके पीछे छिपाई गई एमआरपी कम पाई गई जो की असली एमआरपी थी।
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