दिनेश शर्मा, सागर। मध्य प्रदेश के सागर (Sagar) में स्थित ईसाई मिशनरी सेंट फ्रांसिस सेवाधाम आश्रम (St. Francis Sevadham) में अब बच्चों का धर्म परिवर्तन करने का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि आश्रम में दाखिले के समय एक लड़की का नाम हिन्दू था और अब जब वह बालिग हो चुकी है तो उसका नाम क्रिश्चियन हो गया है। साथ ही सेंट फ्रांसिस आश्रम में धार्मिक परीक्षा से संबंधित कुछ पेपर भी मिले हैं।
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दरअसल,, सेंट फ्रांसिस सेवा धाम आश्रम के खिलाफ राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को शिकायत मिली थी, जिसके बाद बाल संरक्षण आयोग की चार सदस्यीय टीम आज सेवाधाम आश्रम पहुंची। टीम में शामिल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो, सदस्य ओंकार सिंह, डॉ निवेदिता शर्मा और रेखा पवार ने आश्रम का निरीक्षण किया।
अध्यक्ष ने बताया कि सेवाधाम की जांच में बहुत सी खामियां मिली। निरीक्षण में वहां संचालित हो रहे आधा दर्जन से ज्यादा संस्थान नियम विरुद्ध पाए गए। सबसे ज़्यादा अनियमितता बालक और बालिका छात्रवास में मिली है। एक ही छात्रावास में लड़के और लड़कियों को रखा गया था। जबकि बालक एवं बालिकाओं के लिए छात्रावास अलग-अलग होते हैं, लेकिन यहां पर एक बालक छात्रावास था, जिसमें बालिकाएं भी रह रही थीं। जिसकी जानकारी उनके पास नहीं थी। एक पंजीयन पर दो संस्थान चल रहे थे।
बाल गृह में बड़ी उम्र के बच्चे भी छोटे बच्चे के साथ रह रहे थे। बच्चे कई सालों से यहां रह रहे थे। इनके परिवार के संबंध में इनके पास कोई भी पुख्ता जानकारी नहीं है। एक बच्चे से उसके परिवार के बारे में पूछने पर उसके पास पूरी जानकारी थी और उसको अपने घर का पता भी मालूम था। आश्रम के रजिस्टर में चेक करने पर पाया गया इस बच्चे से संबंधित कोई भी जानकारी इनके पास नहीं थी। बच्चों को कई वर्षों से यहां रखा गया है, जबकि बच्चों के मां-बाप को ढूंढ कर उनको उनके मां-बाप को सौंप देना चाहिए।
स्पॉन्सरशिप के नाम पर हो रही फंडिंग
राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि सेंट फ्रांसिस सेवाधाम में विदेशों से डॉलर के रूप में उगाही की जानकारी मिली है। जो बच्चों की फोटो भेजकर स्पॉन्सरशिप के नाम पर लिए गए हैं। ऐसे दस्तावेज भी मिले जो न तो हिंदी में हैं और न ही अंग्रेजी में। इनमें से कुछ मलयालम भाषा के हैं तो कुछ दस्तावेज लैटिन भाषा में हैं। भाषा विशेषज्ञ से इनकी जांच कराई जा रही है।
शराब की बोतलें भी मिली
निरीक्षण के दौरान एक कमरे से शराब की बोतलें भी मिली हैं। खेती से होने वाली पैदावार व अनाज बच्चों के कमरे में ठूंसा गया था। यह जांच का विषय है कि इनसे कहीं बालश्रम तो नहीं कराया जा रहा। एक बच्ची को कम पारिश्रमिक पर रखकर उससे काम कराया जाता मिला है। इसका भी परीक्षण कराया जा रहा है। टीम ने मामले में दो लोगों को पुलिस के हवाले भी किया है।
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