उमेश यादव, सागर। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के एक गांव का रहने वाला दिव्यांग आरिफ 18 महीने पहले लापता हो गया था। जो कि एमपी के सागर जिले के घरोंदा आश्रम में मिला। आश्रम प्रबंधन ने आरिफ के परिजनों को खोज कर उन्हें सूचना दी। ईद के दिन आरिफ के पिता, दादा और चाचा सागर पहुंचे। जहां इकलौता बेटे को देखकर सभी की आंखों से आंसू आ गए। ईद के दिन इस परिवार को मिली दोहरी खुशी से न केवल आरिफ और उसके परिजन खुश थे, बल्कि आश्रम में भी खुशियां मनाई गई।

दरअसल, उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के गांव के रहने वाले जियाउद्दीन खान का बेटा आरिफ 18 माह पहले घर से लापता हो गया था। वह ट्रेन में बैठकर इंदौर के योगपुरुष आश्रम में पहुंच गया था। युगपुरुष आश्रम में बच्चों की संख्या ज्यादा होने के चलते 10 दिन पहले उसे सागर के घरौंदा आश्रम में शिफ्ट कर दिया गया था। आरिफ न बोल सकता था, न सुन सकता था। आश्रम में नए परिवार के सदस्य की एंट्री हुई, लेकिन बच्चे को अपने परिवार की याद आ रही थी तो आश्रम की संचालक प्रीति यादव ने बच्चे की जानकारी जुटाना की कोशिश की लेकिन वह कुछ बात नहीं पा रहा था।

उसके आधार कार्ड को आश्रम प्रबंधन में खोजा, दिल्ली और भोपाल से जानकारी जुटाई तो आरिफ का डुप्लीकेट आधार मिल गया। जिससे उसके घर का मोबाइल नंबर भी मिल गया। मोबाइल नंबर पर आश्रम की संचालिका प्रीति यादव ने आरिफ के माता-पिता से बात कराई तो वह भावुक हो गए और एक दूसरे को पहचान भी गए। आरिफ के सागर में होने की जानकारी लगते ही परिवार के लोग अमरोहा से सागर पहुंचे। सागर पहुंचते ही आरिफ के पिता आरिफ से लिपटकर रोने लगे। आरिफ 6 बहनों में इकलौता बेटा है। जो 18 माह पहले घर से ट्रेन में बैठकर लापता हो गया था। परिवार के लोगों ने उत्तर प्रदेश के कई शहरों में खोजा, लेकिन कोई पता नहीं लगा। आरिफ के थाने में गुमशुदा की शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। ट्रेन स्टेशन में पोस्टर भी लगवाए थे।

घरोंदा आश्रम की संचालिका प्रीति यादव ने बताया कि 10 दिन पहले इंदौर के युगपुरुष आश्रम से बच्चा आया हुआ था। न ही इसका नाम पता था, न ही इसकी उम्र और न परिवार का कुछ पता था। 10 दिन से हमारे आश्रम में रह कर रहा था। इंदौर से घरौंदा आश्रम में ट्रांसफर किया गया था। बच्चों को कुछ दिन पहले से परिवार की याद आ रही थी। आधार कार्ड को सर्च कर डुप्लीकेट आधार कार्ड निकलवाया। उसकी पूरी तरीके से जांच की।

आधार कार्ड के साथ एक मोबाइल नंबर भी निकाल। जिसके बाद परिवार को इसकी जानकारी दी। वीडियो कॉल पर माता-पिता से बात कराई तो परिजन बच्चे को पहचान गए और आरिफ भी माता-पिता को पहचान लिया। परिजनों से पता चला कि 18 महीने से बच्चा लापता था। थाने में गुमशुदी की रिपोर्ट दर्ज थी। बहरहाल सभी कागजी कार्रवाई के बाद आरिफ को उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया है।

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