कुंदन कुमार, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार को लेकर राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से तेजस्वी यादव के आवास पर आज सोमवार (17 नवंबर) को समीक्षा बैठक बुलाई गई है, जिसमें सभी जीते व हारे हुए विधायकों के अलावा कई वरिष्ठ नेता शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं।
संजय यादव ने बैठक से बनाई दूरी
हालांकि बैठक को लेकर जो एक बड़ी खबर सामने आई है, वह यह है कि इस बैठक में शामिल होने के लिए राजद के सांसद संजय यादव तेजस्वी के आवास पर नहीं पहुंचे हैं। रोहिणी आचार्य विवाद सामने आने के बाद वह इस बैठक से दूर होते नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि बीते शनिवार को रोहिणी ने घर छोड़कर दिल्ली रवाना होते समय पटना एयरपोर्ट पर कई सारे गंभीर आरोप लगाए थे। इसमें उन्होंने संजय यादव का भी नाम लिया था।
पहले भी संजय को लेकर हो चुका है विवाद
गौरतलब है कि यह कोई पहली बार नहीं है, जब तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव को लेकर लालू परिवार में विवाद हुआ हो। इससे पहले भी रोहिणी ने चुनाव प्रचार के दौरान संजय यादव पर निशाना साधा था, जिसे लेकर उन्हें सफाई देनी पड़ी थी, वहीं, उस समय उन्होंने पार्टी और परिवार के सभी लोगों को सोशल मीडिया पर अनफॉलो कर दिया था। यह पूरा विवाद प्रचार के दौरान संजय यादव के प्रचार बस में फ्रंट सीट पर बैठने को लेकर हुआ था। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी कई मौकों पर पार्टी में “जयचंद” होने की बात कह चुके हैं। माना जाता है कि उनका इशारा भी अक्सर संजय यादव की ओर ही रहा है।
कौन हैं संजय यादव?
संजय यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नांगल सिरोही गांव के रहने वाले हैं। उनकी और तेजस्वी यादव की दोस्ती दिल्ली में क्रिकेट के मैदान से शुरू हुई थी, जो आगे चलकर राजनीति तक पहुंची। लालू यादव के जेल जाने के बाद उन्होंने तेजस्वी के सबसे भरोसेमंद सलाहकार और रणनीतिकार की भूमिका निभाई। संजय यादव को ही तेजस्वी का “आंख-कान” कहा जाता है। उन्हीं की रणनीति से राजद ने कई मौकों पर सियासी बढ़त हासिल की और तेजस्वी को लालू प्रसाद की छाया से निकालकर स्वतंत्र नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित किया गया।
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