शिवम् मिश्रा, रायपुर। देश में 24 जून 1975 की रात से आपातकाल लागू हो चुका था, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समाप्त हो चुकी थी, समाचारपत्रों को बैन कर दिया गया. इंदिरा गांधी कॉंग्रेस के उस कार्यकाल में लोकतंत्र की हत्या हुई. आज छत्तीसगढ़ में भी उसी मनोवृत्ति की सरकार है, जिसे हम आगाह करते हैं कि 1977 की तरह ही आपको हार का सामना करना पड़ेगा. यह बात राज्यसभा सांसद डॉ. सरोज पांडेय ने कही.
आपातकाल की 44वी बरसी पर भाजपा प्रदेश मुख्यालय में सांसद पांडेय ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनौत का उदाहरण देते हुए कहा कि एक अभिनेत्री का घर ढहा दिया गया. पश्चिम बंगाल के चुनाव के बाद विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं के साथ जो व्यवहार हुआ उसकी आवाज़ को दबाया गया.
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा टूल किट मामले में किये गए रीट्वीट पर भी राज्यसभा सांसद सरोज पांडे ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति के तहत किसी ट्वीट को रिट्वीट कर देते है तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके घर पर पुलिस भेज दी जाती है.