नेहा केशरवानी, रायपुर. कांग्रेस ने 90 में से 30 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. जिसे लेकर सांसद सरोज पांडेय ने तंज कसा है. सरोज पांडेय ने कहा, मुहूर्त देखकर सूची जारी की वो भी मात्र 30 लोगों की. आश्चर्य की बात है, पुराने चेहरे को ही टिकट दिए हैं. कांग्रेस ने केवल 30 घिसे-पिटे चेहरे जारी किए, जिनका मैदान में कही कोई औचित्य नहीं है.कांग्रेस की सूची के साथ ही हार तय है.

आगे सरोज पांडेय ने कहा, हम पर आरोप लगाने वाले कांग्रेस पार्टी अपने गिरेबान में झांके. Bjp ने 43 नए नामों को मैदान में उतारा है. जनता भरपूर आशीर्वाद दे रही है. Bjp के चेहरे ऊर्जावान हैं, नए चेहरे में भविष्य की संभावना दिखाई पड़ती है. जो प्रदेश का नेतृत्व करेंगे. बाकी 30 नाम मुख्यमंत्री को छोड़कर सभी पर कोई न कोई आरोप है. थाने में केस है.

गुरु रुद्र कुमार को टिकट दिए जाने पर सांसद सरोज पांडेय ने कहा, गुरु रुद्र अपने क्षेत्र में जीत नहीं सकते थे. गुरु रुद्र ने भ्रष्टाचार में पूरा सहयोग किया, इसलिए उनकी सीट बदल दिया. 30 के 30 में कांग्रेस का सूपड़ा साफ है.

छन्नी साहू क्या महिला नहीं थी सरोज पांडेय

वहीं महिला विधायक की टिकट काटने पर सरोज पांडेय ने कहा, कांग्रेस की लीडर प्रियंका गांधी उत्तरप्रदेश जाती हैं, तो याद आता है कि वो लड़की हैं. वहां वो नारा देती हैं, लड़की हूं लड़ सकती हूं. महिला विधायक छन्नी साहू का टिकट काट दिया गया.
छन्नी साहू क्या महिला नहीं थी ? उनकी टिकट काटने का कारण क्या है?

राजनीतिक बलि चढ़ा दी

राजनांदगांव से गिरीश देवांगन को प्रत्याशी बनाए जाने पर सरोज पांडेय ने कहा, राजनांदगांव में डॉ रमन सिंह के सामने कांग्रेस ने अपने निकट सहयोगी गिरीश देवांगन को प्रत्याशी घोषित किया. गिरीश देवांगन की राजनीतिक बलि चढ़ा दी. गिरीश देवांगन डॉ रमन के सामने रिकॉर्ड मतों से हारेंगे. अपने सहयोगी को नहीं बक्श रहे हैं. राजनीतिक बलि चढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. मंत्रिमंडल के सभी मंत्री, जो मुख्यमंत्री के सहयोगी हैं भ्रष्टाचार में सहयोगी हैं. उन्हें प्रत्याशी के तौर में उतारा है.

पॉकेट में वो नाम लेकर घूमते हैं

झीरम जांच पर सरोज पांडेय ने कहा, झीरम कांड हुआ तो Bjp पर आरोप लगा. मुख्यमंत्री कहते थे कि, वो पॉकेट में वो नाम लेकर घूमते हैं, 5 साल बीत गया वो नाम कहां गया? सरकार आने के बाद उजागर करने की बात कही थी. आज तक इस मामलें में स्पष्टता से कोई बात नहीं कही. आरोप लगाना अलग बात है. सरकार 5 साल चली, बहस के लिए लोगों के नाम तय हुए. बीजेपी के ईमानदार व्यक्तित्वों पर आरोप लगाया गया.

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