वेंकटेश द्विवेदी, सतना। झारखंड के देवघर रोपवे हादसे के बाद मध्य प्रदेश के मैहर में बड़ा हादसा टल गया। मां शारदा देवी मंदिर के रोपवे में तकनीकी दिक्कत आने से श्रद्वालुओं से भरी ट्रालियां करीब 45 मिनट तक हवा में लटकती रहीं। जिससे श्रद्वालुओं में अफरा-तफरी मच गई। बाद में रोपवे के कर्मचारियों ने किसी तरह ट्रालियों को नीचे उतारकर सभी को सुरक्षित बचाया।

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बता दें कि यहां पर भी दामोदर कंपनी के द्वारा ही रोपवे का संचालन किया जा रहा है। हाल ही में नवरात्रि के अंतिम दिन भी रोपवे खराब हुआ था। इससे पहले सितंबर 2017 में भी मीटर फेल हो जाने के कारण लगभग 128 यात्री फंस गए थे। तब तत्कालीन कलेक्टर ने एक्सपर्ट्स की टेक्निकल रिपोर्ट नहीं आने तक रोपवे के संचालन में रोक लगा दी थी, लेकिन महज 24 घंटे के अंदर तब आनन-फानन में दामोदर रोपवे प्रबंधन ने एनओसी पेश करने की कलाबाजी दिखा दी थी।

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वहीं बुधवार को फिर बड़ा हादसा होते-होते टल गया। रोपवे में अचानक तकनीकी खराबी आने से 45 मिनट तक श्रद्धालु हवा में लटकते रहे। हालांकि बाद में सभी को सुरक्षित वापस उतरा गया। लगातार हो रही घटनाओं के चलते सतना कलेक्टर ने अब रोपवे प्रबंधन से सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट पेश करने का फरमान जारी कर दिया है।

वहीं जानकारों का कहना है कि रोपवे के संचालन के लिए हर साल प्रबंधन को दो एनओसी देनी होती है। एक स्ट्रक्चरल और दूसरी इलेक्ट्रिकल फिटिंग पर आधारित होती है। आमतौर पर रोपवे संचालक एनओसी के लिए छमाही रिपोर्ट प्राइवेट कंपनियों से तैयार कराते हैं। इनके भौतिक सत्यापन का जिम्मा पीडब्ल्यूडी की इलेक्ट्रिकल एंड मैकेनिकल विंग के पास होता है। हालांकि लगातार हो रही घटनाओं के चलते सतना कलेक्टर ने अब रोपवे प्रबंधन से सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट पेश करने का फरमान जारी कर दिया है।

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