वेंकटेश द्विवेदी, सतना। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में चुनावी वर्ष में जहां सरकार लुभावनी योजनाओं का पुल तैयार करने में जुटी है, वहीं इस पुल की नींव हिलती नजर आ रही है। सरकार से आस लगाए बैठे कर्मचारी वर्ग अब आंदोलन प्रदर्शन की राह पर है। इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development) के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सभी सड़कों पर है। संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में वे हड़ताल पर है। महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी से लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका सभी हाथों में मांगों की तख्ती लिए और जय माता दी के नारे लगाते और थाली बजाते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

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बता दें कि संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में पूरे प्रदेश में महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी 15 मार्च से सामूहिक हड़ताल पर है। हड़ताल के कारण विभाग का कामकाज 15 मार्च से प्रभावित है। परियोजना अधिकारी इंद्रभूषण तिवारी ने बताया कि वेतन विसंगति जैसी 16 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले तीन वर्षो से वे सरकार से मांग कर रहे हैं। 15 मार्च से सामूहिक हड़ताल कर सड़कों पर उतर आए हैं। सोमवार को दोपहर चौपाटी से कलेक्ट्रेट तक महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका ने पैदल मार्च किया। कलेक्ट्रेट में मुख्यमंत्री के नाम पर कलेक्टर अनुराग वर्मा के प्रतिनिधि के तौर पर एसडीएम नीरज खरे को ज्ञापन सौंपा। मामले में एसडीएम ने उनकी बात कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंचाने भरोसा दिलाया।

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