वेंकटेश द्विवेदी, सतना। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) अपने दो दिवसीय प्रवास पर आज शनिवार की सुबह सतना (Satna) के दीनदयाल शोध संस्थान पहुंचे। मोहन भागवत ने रानी दुर्गावती की भव्य प्रतिमा का किया अनावरण किया। जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दीनदयाल उपाध्याय संस्थान (Deendayal Upadhyaya Sansthan) के कार्य को आगे ले जाना है। अपने लिए नहीं अपनों के स्वाभिमान के साथ जीना है। मझगर्वा छोटी जगह नहीं है, यह रानी दुर्गावती और नाना जी देशमुख की तपोस्थली रही है।
संघ प्रमुख अपने उद्बोधन में पुराने जमाने के व्यपार और अर्थव्यवस्था को परिभाषित करते हुए कहा कि यह सब समाज के लिये है। लोग इसे संरक्षित करें, ताकि कोई लूट न पाये। संघ प्रमुख के इस वाक्य का लोग अपने अपने तरीके से मायने निकाल रहे है। आरएसएस प्रमुख ने अपने भाषण के अंत में जनता से कहा कि अपनो के लिये जीना है। स्वाभिमान के साथ जीना है। सबके हित के लिए जीना है। मनुष्यों को जोड़ने के लिए जीना है।
एक दूसरे की विशेषताओं को तोड़ने के लिए नहीं जीना है। इन सब बातों का संकल्प लेने की लोगों से विनती की। कार्यक्रम के बाद संघ प्रमुख ने सबके साथ सामूहिक भोजन किया और चित्रकूट रवाना हो गए। चित्रकूट में रात्रि विश्राम के कर दो अप्रैल को प्रयागराज के लिये रवाना होंगे।
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