वेंकटेश द्विवेदी, सतना। मध्य प्रदेश के सतना (Satna) में गरीब की थाली में पहुंचने वाले गेहूं (Wheat) में धूल पत्थर मिलाने के मामले लगातार सामने आ रहे है। मिलावट का एक और वीडियो वायरल (Video Viral) हो रहा है। जहां समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं में ट्रैक्टर से धूल डस्ट फेंकते हुए दो व्यक्ति नजर आ रहे है। गेहूं का वजन बढ़ाने के लिए रेत, धूल और मिट्टी मिलाई जा रही है। सोशल मीडिया (Social Media) पर वीडियो वायरल होने से विभाग में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों की 5 सदस्यीय टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की। जिसके बाद 11 हजार मैट्रिक टन गेहूं के उठाव पर रोक लगा दी है।

अधिकारियों की माने तो मामले में जिले की 5 विभाग की संयुक्त टीम राजस्व विभाग, खाद्य विभाग, एफसीआई, नागरिक आपूर्ति निगम और वेयर हाउस के अधिकारी जांच कर रहे है। जिसमें वीडियो वायरल करने वाले साइलो के कर्मचारी आयुष पाण्डेय और साइलो प्रबंधक के कथन लिये गये है।

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दरअसल, साइलो में पिछले दो साल 2020-2021 के समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं का भंडारण किया गया था। साइलो में अब तक 07 लाख क्विंटल गेहूं का भंडारण हो चुका है। अब यह भंडारित गेहूं जिले से बाहर भेजा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक अब तक करीब तीन लाख क्विंटल गेहूं भारतीय खाद्य निगम के जरिये अन्य जिलों में भेजा जा चुका है और गेहूं परिवहन का सिलसिला जारी है। साइलो में ट्रैक्टर से रेत धूल मिट्टी मिलाने का वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन, नान एफ सी आई और भारतीय खाद्य निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर वायरल वीडियो की जांच की, तो मिलावट करने वाले वीडियो की सच्चाई सामने आ गई।

वीडियो बनाने वाला साइलो परिसर में ही खड़ा मिला। जिसपर विभाग मिलावट की बात कह रहा है हालांकि साइलो प्रबंधन मामले को साजिश बता रहा है। वहीं वीडियो वायरल करने वाला साइलो के नाराज कर्मचारी आयुष पाण्डेय ने भी अपने बयान दर्ज करवाये है। जिसने बताया कि विभाग को कई बार सूचना दी, जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। मिलावट के इस बड़े खेल में विभागों की भूमिका को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है।

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बता दें कि जिले में समर्थन मूल्य की धान हो या फिर गेहूं सभी में वजन बढ़ाकर मुनाफा कमाने का गोरख धंधा चल रहा है। जिसमें न सिर्फ गरीब की थाली में कंकड़ पत्थर परोसने का काम हो रहा है, बल्कि शासन को बड़े स्तर पर चूना लगाने का खेल चल रहा है।

इसके पहले शिवराजपुर खरीदी केंद्र में 21 जनवरी को धान में जहां भारी मिलावट का मामला सामने आया था, जिसमें धान की बोरियों में मिट्टी और पत्थर मिले थे। जिससे प्रशासनिक हल्के में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में नागरिक आपूर्ति निगम और खाद्य विभाग की टीम ने जांच कर कई क्विंटल धान की खरीदी निरस्त किया था। साथ ही महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष और खरीदी केंद्र प्रभारी के खिलाफ मामला कायम कर जांच के आदेश दिए थे।

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