मुकेश मेहता, बुधनी (सीहोर)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर (Sehore) में फर्जी दस्तावेज लगाकर नेशनल हाईवे के निर्माण में फंसी जमीन का मुआवजा लेने का मामला सामने आया है। जांच में खुलासा होने पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, 2013 में नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए श्यामपुर के कई लोगों की जमीन अधिग्रहण की गई थी। इन सभी किसानों को निर्धारित दर से मुआवजा दिया गया था, लेकिन जुगल पाटीदार का प्रकरण सालों से चल रहा था। उसका कहना था कि उसे किसी तरह का मुआवजा नहीं मिला है। उसके द्वारा 4 करोड़ 87 लाख 16 हजार 291 रुपए की राशि एवं ब्याज की मांग की गई थी। लेकिन एसडीएम को डायवर्सन पर शक हुआ। जब उन्होंने जांच की तो पता चला कि संबंधित व्यक्ति और एक अन्य मुआवजा राशि के 33 लाख रुपए पहले ही ले चुके हैं और मुआवजे के लिए जो डायवर्सन के दस्तावेज लगाए गए हैं वो फर्जी है।
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इसके बाद कलेक्टर ने संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। जिस पर कोतवाली पुलिस ने जुगल किशोर पाटीदार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। उसने भूमि अधिग्रहण के दौरान करोड़ों रुपए का अनुचित लाभ लेने के उद्देश्य से डायवर्सन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्रस्तुत किए थे।
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