अनिल मालवीय, इछावर, (सीहोर) राजनीति के मंचों से जनप्रतिनिधियों द्वारा भले ही डिजिटल इंडिया के नाम पर तमाम दावे किए जाते हो, लेकिन हकीकत इनसे कोसो दूर है। एक ऐसा ही मामला सामने आया है सीहोर जिले के इछावर विधानसभा क्षेत्र के एक गांव से। वैसे कहने को तो यह सीएम शिवराज का गृह जिला है, यही नहीं पूर्व राजस्व मंत्री और 7 बार के बीजेपी विधायक करण सिंह वर्मा भी इसी क्षेत्र से आते है। लेकिन गांव में सड़क नहीं होने की वजह प्रसूता को लेने एम्बुलेंस घर तक नहीं आ सकी। ऐसे में परिजनों को खटिया पर लादकर गर्भवती महिला दो किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ी, तब कहीं जाकर एम्बुलेंस नसीब हो पाई।

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जानकारी के अनुसार, सीहोर जिले के इछावर विधानसभा क्षेत्र का सुआखेड़ा गांव सडक़ जैसी जरुरी सुविधाओं से जूझ रहा है। इस गांव की आबादी 500 की है। गांव में सडक़ नहीं होने की वजह से स्कूल के छात्र-छात्राओं को कीचड़ से सने रास्ते से ही स्कूल जाना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी मरीजों को उठानी पड़ती है। ग्रामीण खटिया पर लादकर मरीज को दो किलोमीटर दूर पक्की सडक़ तक ले जाते हैं, तब कही जाकर मरीज को एंबुलेंस या चार पहिया वाहन नसीब हो पाता है। 

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ग्राम सुआखेड़ी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मानवता को शर्मसार करता यह वीडियो इछावर का सुआ खेड़ी गांव का बताया जा रहा है। आशा नाम की एक महिला की डिलीवरी होनी थी, रास्ता खराब होने से एंबुलेंस गांव में नहीं पहुंच पाई और मजबूरन गर्भवती महिला को ग्रामीणों ने 2 किलोमीटर खटिया पर लाद कर पक्के रोड तक पहुंचाया, जिसके बाद महिला को चार पहिया वाहन से अस्पताल ले जाया जा सका।

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ग्रामीणों के अनुसार बीते 15-20 सालों से ग्राम में सडक़ का अभाव है। सडक़ निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। हर बार जनप्रतिनिधियों द्वारा महज आश्वासन ही दिया गया, लेकिन सडक़ का निर्माण नहीं कराया जा सका। हर बारिश में ग्रामीणों को यूं कष्ट भरा जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। 

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