अनिल मालवीय, इछावर (सीहोर)। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्च्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मुहैया कराने का सरकार भले ही ढिंढोरा पीट रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि इन स्कूलों में व्यवस्थाएं पूरी तरह से बदहाल दिखाई दे रही है. ऐसे में छात्र-छात्राओं का भविष्य चौपट हो रहा हैं. ऐसा ही एक मामला सीहोर जिले के इछावर जनपद शिक्षा केंद्र के बोरदीकला मिडिल स्कूल में देखने को मिला है. जहां पर एक ओर स्कूल परिसर अतिक्रमण और गंदगी की चपेट में है. वहीं बच्चों की पढ़ाई के लिए पर्याप्त शिक्षक भी नहीं हैं.

आलम यह है कि स्कूल महज एक शिक्षक के भरोसे ही संचालित हो रहा है. शिक्षक संस्था प्रभारी होने के कारण अधिकांश समय विभागीय जानकारियां बनाने और मीटिंग, ट्रैनिंग अन्य कामों में व्यस्त रहते हैं. ऐसे में स्कूल में दर्ज 180 बच्चों की पढ़ाई कौन और कैसे कराई जाती होगी. इसका अंदाज आसानी से लगाया जा सकता है. बच्चों का कहना है कि वह पढ़ाई की आस में रोजाना स्कूल तो आते हैं, लेकिन शिक्षक नहीं होने के कारण उन्हें बेरंग ही लौटना पड़ता है.

बदहाल शिक्षा व्यवस्था: स्कूल भवन जर्जर, नौनिहाल झोपड़ी में पढ़ने को मजबूर, जिम्मेदार झाड़ रहे पल्ला

पालकों का कहना है कि स्कूल में व्याप्त अव्यवस्थाओं और शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढाई चौपट हो रही है. इस संबंध में विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन वह इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले दिनों अलीराजपुर जिले से का मामला सामने आया था. जहां स्कूल भवन जर्जर होने के कारण बच्चे झोपड़ी में बच्चे को मजबूर हैं.

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