भोपाल। मध्यप्रदेश के सीहोर में महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर शिव महापुराण और रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर सियासत हो रही है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ ने कथा में विघ्न डाली है. कमलनाथ ट्वीटर पर अफवाह फैला रहे हैं. इस पर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि पर रुद्राक्ष नहीं बंटेगा, तो कब बंटेगा. इस मामले में बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर प्रशासनिक तंत्र पर कार्रवाई की मांग की है.

कमलनाथ ने डाला कथा में विघ्न- नरोत्तम मिश्रा

प्रदीप मिश्राजी की कथा को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ ने कथा में विघ्न डाली है. कमलनाथ ट्वीटर पर अफवाह फैला रहे हैं. कथा यथावत चल रही है. व्यवस्थाएं ठीक हैं. आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं. रुद्राक्ष बंटने का कार्यक्रम में फेरबदल किया गया है. कमलनाथ ने अब तक महाराज से बात नहीं की है. न प्रशासन से बात की है. ये चलती कथा में विघ्न डालने जैसा है. ट्वीट पर अफवाह फैला रहे हैं.

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 महाशिवरात्रि पर रुद्राक्ष नहीं बंटेगा तो कब बंटेगा- पीसी शर्मा

पूर्व कानून मंत्री पीसी शर्मा ने गृहमंत्री के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि पर रुद्राक्ष नहीं बंटेगा तो कब बंटेगा. खुद माफी मांग रहे हैं. ये विघ्न डालने जैसा कैसे है. क्या कैलाश विजयवर्गीय झूठ बोल रहे हैं. कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल आज महाराजजी से मिलने जा रहा है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने डिप्टी स्पीकर को लेकर कहा कि विधानसभा उपाध्यक्ष पद को लेकर बीजेपी में लट्ठमार होली चल रही है. उपाध्यक्ष का पद सिंधिया खेमा मांग रहा है. मंत्री नहीं बन पाने वाले 10-15 वरिष्ठ नेता कतार में हैं. बीजेपी में उपाध्यक्ष पद को लेकर लट्ठमार होली चल रही है.

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कांग्रेस के 5 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल मिलने जाएगा सीहोर

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के 5 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल आज सीहोर में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के दर्शन करने और उनसे भेंट करने कथास्थल पहुंचेगा. जिस प्रकार से प्रशासन ने दबाव डालकर सीहोर में “रुद्राक्ष महोत्सव “ के आयोजन को निरस्त कराया है , इससे लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई है और जिस प्रकार से कथावाचक जी ने आंखों में आंसू लिए व्यासपीठ से, दबाव के कारण उक्त निर्णय को लिए जाने की बात कही है. उसके बाद से ही श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश भी है.

जब कई दिनों पूर्व से ही इस आयोजन की जानकारी व सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जा चुकी थी तो क्या कारण है कि प्रशासन ने इस आयोजन के लिये कोई व्यवस्था तक नहीं की ? धर्म प्रेमी प्रदेश में ऐसी घटना आज तक के इतिहास में नहीं हुई है. इस प्रतिनिधिमंडल में पीसी शर्मा (पूर्व मंत्री ), बलबीर सिंह तोमर ( जिला अध्यक्ष ), रमेश सक्सेना (पूर्व विधायक ), शैलेंद्र पटेल (पूर्व विधायक ) और अवनीश भार्गव ( वरिष्ठ नेता ) शामिल रहेंगे.

बीजेपी विधायक ने सीएम को लिखा पत्र

सतना से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि आपके ग्रह जिले सीहोर में कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ दुर्व्यवहार हुआ. प्रशासनिक दबाव की बदौलत शिव महापुराण रुद्राक्ष महोत्सव जैसे धार्मिक आस्था के कार्य को असमायिक समाप्ति की घोषणा कराया जाना अक्षम्य अपराध है. जन भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए जिम्मेवार प्रशासनिक तंत्र पर अविलम्ब कठोर कार्रवाई की जाए.

कांग्रेस ने ट्वीट कर पूछे सवाल

सीहोर विधायक सुदेश राय के बयान पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरने की कोशिश की है. कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर पूछा कि ‘यह क्या कह रहे है सिहोर के भाजपा विधायक सुदेश राय…? ‘प. प्रदीप मिश्रा की कथा सिहोर की पावन धरा पर हमारे लिये दुखदायी’ सच आख़िर भाजपा वालों की जुबान पर आ ही जाता है’.

https://twitter.com/narendrasaluja/status/1498894506128982017?s=24

रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित मामले में अपनों से घिरी शिवराज सरकारः कैलाश विजयवर्गीय ने CM को पत्र लिखकर उठाए सवाल, पूछा-ऐसा कौन सा दबाव था जिससे कथा का बीच में समापन करना पड़ा

सीएम शिवराज को पत्र लिखकर कैलाश विजयवर्गीय पूछ चुके हैं सवाल

इससे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर सीएम शिवराज को पत्र लिखकर कई सवाल पूछे थे. उन्होंने लिखा कि ऐसा कौन सा दबाव था जो पंड़ित प्रदीप मिश्रा को भारी मन से कथा का बीच में समापन करना पड़ा. क्या सीहोर का प्रशासन इतना नकारा था कि इस आयोजन की जानकारी होने के बावजूद व्यवस्थाएं नहीं की गई. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भोपाल में इज्तिमा का आयोजन होता है. लाखों लोग उसमें शामिल होते हैं. उसमें भी कई मंत्री फंसते हैं, लेकिन कभी सुनाई नहीं दिया कि इज्तिमा को निरस्त किया गया हो. क्या सीहोर प्रशासनिक अमला इतना नकारा था कि इस आयोजन को लेकर व्यवस्थाएं नहीं की.

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