निशांत राजपूत, सिवनी। कर्नाटक में कांग्रेस द्वारा बजरंग दल (Bajrang Dal) पर बैन करने के वादे को लेकर देश भर में सियासी घमासान मचा हुआ है। बजरंग दल और हिंदू संगठनों ने इसका विरोध करते हुए सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है। इस बीच मध्य प्रदेश के सिवनी जिले की बरघाट विधानसभा से कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोडिया ने बजरंग बली को आदिवासी बताते हुए सड़क पर उतारने वालों को खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि जो भी बजरंग बली का नाम लेकर सड़क पर उतरेगा और उनका अपमान करेगा, आदिवासी समाज उसको छोड़ेगा नहीं।

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दरअसल, सिवनी जिले के उड़पानी गांव में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में कमलनाथ भी मौजूद थे। इस दौरान कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोडिया ने कहा कि बजरंग दल और आरएसएस के लोग और ये राम सेना के लोगों ने आदिवासियों को मारा है। उन्होंने कहा कि ये लोग जो बजरंग बली की बात करते हैं ना.. कमलनाथ जी बजरंग बली आदिवासी थे, जो जंगल में रहकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की रक्षा की, उनकी सहायता की। वहां पे कोई करणी सेना नहीं गई थी। क्षत्रिय नहीं गए थे। ब्राम्हण की सेना नहीं गई थी। वहां पर अगर कोई भगवान राम की कोई मदद की है तो वो आदिवासियों ने की है। हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे, अगर कोई हमारे बजरंग बली, जो आदिवासी हैं, उनका कोई अपमान करेगा, उनका नाम लेकर सड़क पर उतरेगा.. उनको बदनाम करेगा, आदिवासी समाज उसको छोड़ेगा नहीं..

हिंदी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष ने किया पलटवार

हिंदी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रविंद्र शुक्ल ने कांग्रेस विधायक के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि यह तय है कि हनुमानजी जाति के हिसाब से देखा जाए तो वो निम्न कुल में पैदा हुए थे। वह वानर जाति में पैदा हुए थे। लेकिन सबसे ज्यादा इस देश के अंदर किसी के हैं तो वो हनुमान जी के हैं। यह इस देश की भावना है जो इस बात को प्रकट करती है। जातिवादी वाले लोग जो हैं वह वास्तव में समाज के दुश्मन हैं। यह रावण बंसी है. यह समाज को तोड़ना चाहते हैं, समाज इनको दंड देगा। डॉ रविंद्र शुक्ल ने कहा, MLA कांग्रेस के हैं। इसलिए इनकी बुद्धि मारी गई है। विनाश काले विपरीत बुद्धि हो गई है। जो पार्टी पूरे देश मे शासन करती थी, आज उसे मैग्नीफायर लेंस से ढूंढनी पड़ रही है।

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