अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों में विद्वान-पात्र लोगों को दरकिनार कर भाजपा नेताओं-मंत्रियों के रिश्तेदारों की नियुक्ति का एक के बाद एक मामला सामने आ रहा है। ऐसा ही एक मामला शहडोल से सामने आया है। जहां पंडित शंभूनाथ विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में गड़बड़ी हुई और भाजपा के बड़े नेताओं के रिश्तेदारों की नियम विरुद्ध भर्ती के आरोप का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। जिसे लेकर जमीनी स्तर पर स्वयं सेवी संगठन और अन्य लोग सड़क पर उतरकर विरोध कर रहे है, तो वहीं दूसरी तरफ इस मामले में वाइस चांसलर के एक बयान ने हड़कंप मचा दिया।
इस भर्ती मामले में कुलपति का एक बयान आग में घी का काम कर रहा है। वीसी ने कहा भर्ती के दौरान प्रभावशाली लोगों के लगातार फोन आ रहे थे, जिसका खमियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है। साथ ही कहा कि भर्ती नियम के तहत हुई है।
दरअसल, शहडोल के पंडित शंभूनाथ शुक्ल विश्व विद्यायल में असिस्टेंट प्रोफेसर के अलग-अलग विषयों में 68 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था। इस भर्ती में मनमाने तरीके से बीजेपी नेताओं के परिजनों और रिश्तेदारों को तवज्जों देने का आरोप लगा है। शहडोल यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों की मनमानी के खिलाफ आंदोलन कर रहे अस्थाई प्राध्यापक संघर्ष मोर्चा सहित विभिन्न संगठनों का आरोप है कि असिस्टेंट प्रोफेसर के अलग-अलग विषयों में 68 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था, लेकिन भर्ती सिर्फ 24 पदों के लिए ही की गई।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण रोस्टर और स्क्रीनिंग प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया। भर्ती प्रक्रिया में नियमानुसार एक पद के विरुद्ध 10 से 12 प्रतिभागी ही बुलाने चाहिए थे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने मनमानी करते हुए एक पद के विरुद्ध 25 से 30 आवेदकों को इंटरव्यू के लिए बुलाया। लोगों का आरोप है कि पंडित शंभूनाथ विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में गड़बड़ी हुई है। भाजपा के बड़े नेताओं के रिश्तेदारों की नियम विरुद्ध भर्ती की गई है।
विधानसभा अध्यक्ष और उच्च शिक्षा मंत्री के चहेतों की नियुक्ति करने का आरोप
यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति में बीजेपी नेताओं के परिजनों और रिश्तेदारों को तवज्जो देने के आरोप लगे हैं। अस्थाई प्राध्यापक संघर्ष मोर्चा सहित एनएसयूआई छात्रा संगठन सड़क पर उतरकर नियुक्तियों को नियम के खिलाफ बताकर आंदोलन भी किया हैं। आरोप ये भी हैं कि नियुक्तियों में गोलमाल के इस खेल में मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की बेटी रजनी गौतम और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव की रिश्तेदार सहित उनके चहेतों को भी उपकृत किया गया है।
असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती घोटाले में घिरे पंडित शंभूनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राम शंकर का कहना है कि उनके ऊपर लगाए जा रहे सभी आरोप निराधार है। यदि किसी को लगता है कि गड़बड़ी हुई है तो मामले की उच्च स्तरीय जांच करा लें। हां ये बात जरूर है कि भर्ती के दौरान कई राजनैतिक लोगों सहित अन्य लोगों के फोन लगातार आ रहे थे, जिन्हें नजर अंदाज किया गया है। जिसका खमियाजा भविष्य में भुगतना पड़ सकता है और शायद भुगतना पड़ रहा है।
बता दें कि शहडोल विश्वविद्यायल में असिस्टेंट प्रोफेसर की गलत तरीके से भर्ती का यह कोई इकलौता मामला नहीं है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के ऊपर आरोप लगे है कि जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में नियम विरुद्ध अपने ससुर की कुलपति के तौर पर नियुक्ति कराई है। जिसको लेकर प्रदेश स्तर पर विरोध जारी है।
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