अजयारविंद नामदेव, शहडोल। एक ओर जहां पेरेंट्स अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने का हर संभव प्रयास करते है, तो वहीं दूसरी ओर  प्राइवेट स्कूल संचालक उनके इस नेक काम मे कैसे पलीता लगा रहे है, इसका एक बड़ा मामला शहडोल जिले के बुढार गोपालपुर में संचालित एमजीएम स्कूल से सामने आया है। जहां बच्चों के परिजनों से स्कूल प्रबंधन ने बड़ी धोकेबाजी की है।  

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दरअसल इस स्कूल में कक्षा आठवीं तक की कक्षाएं संचालित है। बच्चों के पेरेंट्स नें बताया कि एडमिशन के दौरान स्कूल प्रबंधन ने उन्हें बताया था कि उनका स्कूल आईसीएसई से  एफिलिएटेड हैं। बच्चों को आईसीएसई सिलेबस की पुस्तकों के आधार पर पढ़ाया भी जा रहा है । लेकिन बीते दिनों कक्षा पांचवी के कुछ छात्रों को यह बताया गया उनका बोर्ड एक्जाम है। जिसके बाद अभिभावक भड़क उठे और एमजीएम स्कूल का घेराव करते हुए स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध जताया। मामला थाने तक जा पहुचा है, अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।  

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अभिभावकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि धनपुरी में संचालित एमजीएम स्कूल के बाद एमजीएम गोपालपुर स्कूल को ऐसा बताकर प्रचारित किया गया कि यह धनपुरी की ही संस्था है, और आईसीएसई एफिलिएटेड है। जिसके बाद यहां नर्सरी से लेकर कक्षा आठवीं तक बच्चों के एडमिशन हुए। लेकिन हाल ही में कक्षा पांचवीं के छात्रों को बताया गया कि उनका बोर्ड एग्जाम है। अभिभावकों का कहना है कि यदि उनका बच्चा आईसीएसई पैटर्न में पढाई कर रहा है तो एमपी बोर्ड की परीक्षा कैसे दे सकेगा, और यदि ऐसा था तो स्कूल प्रबंधन को पहले ही इस बारे में जानकारी दे देना था। 

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अभिभवकों ने दूसरी तरफ स्कूल प्रबंधन की खस्ताहाल व्यवस्था, स्तरहीन पढ़ाई की बात कही। अभिभावकों ने फीस के नाम पर मोटी रकम वसूल करने के आरोप लगाते हुए  आईसीएसई सिलेबस के हिसाब से ही बच्चों के एग्जाम की मांग की है। वहीं पूरे मामले की प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी  का कहना है कि जो भी उचित कार्रवाई होगी वह की जाएगी।  साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है, जिसके लिए स्कूल प्रबंधन ने एक सप्ताह का समय मांगा है।  

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