अजयारविन्द नामदेव, शहडोल। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने में खुद को नाकाम साबित होता देख परिवार के मुखिया ने आत्महत्या कर ली। शख्स की लाश घर के नजदीक खेत में बनी एक झोपडी में मिली है। मृतक भोजन के लिए काफी जद्दोजहद कर रहा था और बच्चों का पालन पोषण करने में असमर्थ हो रहा था। घर के सदस्यों के भरण-पोषण करने में आ रही परेशानी उससे देखी नहीं गई, जिसकी वजह से उसने यह खौफनाक कदम उठा लिया।

पूरा मामला जैतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पड़मनिया की है। मृतक राजेश ढीमर मछली मारकर और मजदूरी कर घर चलाता था। उसके घर में बूढी मां, पत्नी और दो बच्चे हैं। घर में आए दिन भोजन और राशन की समस्या रहती थी जिसकी वजह से राजेश परेशान हो गया था। घर की आर्थिक स्थिति ठीक करने का उसे कोई उपाय नहीं मिल रहा था जिसके बाद उसने आत्महत्या का रास्ता चुना।

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पीएम आवास के लिए लगा रहा था चक्कर

बताया जा रहा है कि मृतक राजेश पीएम आवास के लिए पंचायत के चक्कर लगा रहा था। बार-बार चक्कर लगाने पर भी उसे निराशा ही मिल रही थी। मृतक ने पैसों की व्यवस्था करने का काफी प्रयास किया, लेकिन हर तरफ से नाकामी और घर की आर्थिक समस्या का उसके पास कोई इलाज नहीं था।

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फिलहाल पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। एक गरीब की आत्महत्या ने कई सवाल पैदा कर दिए हैं कि आखिर गरीबों के लिए सरकार इतनी योजनाएं शुरू करती है, लोगों के खातों में पैसे आने का दावा किया जाता है तो फिर गरीब आज भी आत्महत्या करने पर क्यों मजबूर हो रहे हैं ?

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