अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है। ताजा मामला शहडोल जिले से सामने आया है। यहां लोकायुक्त ने एक प्रधान आरक्षक को 7 हजार रुपए रिश्वत (bribe) लेते हुए दबोचा है। ट्रैप होने के बाद आरक्षक की तबीयत बिगड़ गई।

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दरअसल, जिले के जयसिहंनगर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक विरेन्द्र तिवारी को लोकायुक्त की टीम ने 7 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया है। फरियादी राजकुमार कुशवाहा की शिकायत पर रीवा लोकायुक्त की टीम ने यह कार्रवाई की है। आरक्षक ने एक मामले में पॉस्को एक्ट की धारा बढ़ाने की धमकी देकर फरियादी से 7 हजार रुपए की मांग की। लेकिन जिससे परेशान होकर फरियादी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में कर दी।

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शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त ने मामले का वेरिफिकेशन कराया और शिकायत सही पाए जाने पर आज 12 सदस्सीय टीम ने छापा मारकर आरक्षक को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। ट्रैप होने के बाद आरक्षक का ब्लेड प्रेशर बढ़ गया। उसे टीम ने अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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