अजयारविंद नामदेव, शहडोल। गर्मी आते ही जल संकट गहराता जा रहा है है. शहडोल संभाग के सबसे बड़े शासकीय बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती मरीज और परिजनों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है. हालात ये है कि मरीज खरीदकर पानी पीने को विवश हैं. कॉलेज में लगे 4 बोर भी मरीजों की प्यास बुझाने में नाकाफी हैं.

दोस्त ने दिया दगा: 9वीं की छात्रा को फेसबुक फ्रेंड ने बंधक बनाकर रेप किया, इस तरह आरोपी तक पहुंची पुलिस

आदिवासी बाहुल्य संभाग शहडोल में करोड़ों की लागत से मेडिकल कॉलेज तो बन गया है, लेकिन यहां सुविधाओं का टोटा अभी भी है. कोविड काल से संचालित मेडिकल कॉलेज में चार बोर पानी के लिए लगे थे, लेकिन वो भी मरीजों और उनके परिजनों की प्यास नहीं बुझा पा पा रहे हैं, मेडिकल कॉलेज के सबसे जरूरी आपरेशन थियेटर, लेबर रूम में भी पानी की कमी बनी रहती है। जिन वार्डो में मरीज भर्ती है वह पानी की सप्लाई नाममात्र की है। मेडिकल कॉलेज के ओपीडी समेत भर्ती वार्डों में एक भी वाटर फ्रीजर नहीं है.

मां ने अपने ही बेटे से करवाई सुहाग की हत्या: दोस्त के साथ मिलकर बेटे ने कट्टा खरीदा, फिर सोते समय पिता पर दाग दी गोली, वजह जान चौंक जाएंगे आप

मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में 300 से अधिक मरीज भर्ती हैं, वहीं रोजाना 400 से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं, लेकिन पानी की किल्लत बनी रहती है. मेडिकल कॉलेज में कराए गए चार बोर से स्टाफ क्वार्ट्स, हॉस्टल में पानी की सप्लाई होती है, जिससे मरीज प्यासे रह जाते हैं. वहीं इस मामले में जब अस्पताल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की गई तो वो इस संबंध में कैमरे के सामने कुछ भी कहने से मना कर दिया.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus