अजयारविन्द नामदेव, शहडोल। एक ओर जहां सरकार छात्रों के अच्छी व उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए कई तरह की योजनाएं संचालित कर रही है। सरकारी स्कूलों में मुफ्त पुस्तकें, यूनिफॉर्म, स्कॉलरशिप, मिड डे मील जैसी कई सुविधाएं प्रदान की जा रही है, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराई जा सके। दूसरी ओर कुछ शिक्षक चंद पैसों के खातिर बच्चों की भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बच्चों के लिये आई किताबें कबाड़ी को बेच दी है। ऐसा ही एक मामला जिले के शासकीय प्राथमिक विद्यालय मंजीरा से सामने आया है, जहां शिक्षक छात्रों की किताबें कबाडी को बेचते नजर आए। मामला उजागर होने के बाद बीईओ ने जांच कराकर शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही है।
जिले के जनपद पंचायत बुढार शासकीय प्राथमिक विद्यालय मंजीरा में पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं संचालित है। छात्रों के पढ़ने के लिए शासन से आई किताबें को विद्यालय के शिक्षक द्वारा स्कूल में कबाडी को बुलाकर बेच दी गई। उक्त शिक्षक बोरियों में भर भरकर स्कूल की किताबें कबाडी को बेच रहे थे। मामले की जानकरी लगने पर एक जागरूक व्यक्ति अपने मोबाइल कैमरे में कैद करने लगा तो शिक्षक लड़ाई झगड़े पर उतारू हो गए।
जिले में आज भी कई ऐसी स्कूल है जहां छात्रों को न तो किताबें और न ही गणवेश (ड्रेस) नहीं मिला है। वहीं मंजीरा स्कूल के शिक्षक छात्रों की पुस्तकें कबाडी को बेच रहे है। हालांकि पुस्तके वर्तमान सत्र की है ये फिर पुरानी यह तो वही जाने, लेकिन जिस तरह से शिक्षक स्कूल में कबाड़ी को बुलाकर सरकारी पुस्तकों को बेच रहे है, इससे शिक्षा विभाग पर भी सवाल खड़े कर रहा है।। मामले में बुढार बीईओ दीपक निगम का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है। मामले की जांच करा सम्बंधित शिक्षक के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
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