अजयारविंद नामदेव, शहडोल। जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. आलम यह है कि आम जनता ही नहीं यहां जनप्रतिनिधियों की भी डॉक्टर नहीं सुनते. जिला अस्पताल में सोहागपुर जनपद अध्यक्ष खून से लथपथ 5 साल के नाती को लेकर इलाज के लिए यहां-वहां भटकती रहीं, लेकिन कोई भी इलाज करने को तैयार नहीं हुआ. थक हार कर जनपद अध्यक्ष ने वरिष्ठ अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद एडीएम अस्पताल पहुंचे और प्रबंधन को जब जमकर फटकार लगाई. तब कहीं जाकर जनपद अध्यक्ष के पोते को भर्ती किया गया.
दरअसल, सोहागपुर जनपद अध्यक्ष मीरा बाई अपने 5 वर्षीय नाती रोहित के सिर में चोट लगने पर लहूलुहान हालत में संभाग के सबसे बड़े कुशा भाऊ ठाकरे जिला अस्पताल लेकर आई थीं. जहां रक्त रंजिश नाती को गोद में लेकर इलाज के लिए रोती बिलखती कभी डॉक्टर के पास तो कभी वह मौजूद नर्सों से मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. इस दौरान लगातार बच्चे से सिर से खून बह रहा था. थक हारकर जनपद अध्यक्ष मामले की जानकारी जिले के वरिष्ठ अधिकरियों को दी. इसके बाद एडीएम अर्पित वर्मा अस्पताल पहुंचे और वहां मौजूद स्टाफ को जमकर फटकार लगाई. तब जाकर उस बच्चे का ट्रीटमेंट मिला.
इस मामले में जब अस्पताल प्रबंधन से बात की गई तो उन्होंने इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. आप इस बात का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि जब जनप्रतिनिधियों को सबसे बड़े अस्पताल में इलाज के लिए इतनी मशक्कत करनी पड़ी तो आम आदमी के साथ क्या गुजरता होगा.
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