अजयारविंद नामदेव, शहडोल। जिले के जैतपुर में अवैध कब्जा हटाने गए प्रशासनिक अमले की लापरवाही के कारण बुजुर्ग आदिवासी के ऊपर दीवार गिर गई। इससे बुजुर्ग को गंभीर चोट आई है। बुजुर्ग का हाथ फैक्चर हो गया है। उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
दरअसल, जैतपुर में आदेश के बाद तहसीलदार और पुलिस की मौजूदगी में निजी जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही थी, इस दौरान समनु कोल नाम के बुजुर्ग के ऊपर दीवार गिर गई। हैरत की बात यह है कि आदिवासी समनु न तो भू माफिया है और न ही शासकीय भूमि में कब्जा किया है।
समनु कोल को जैतपुर तहीलदार की ओर से 13 जून को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उल्लेखित किया गया था कि इंद्रजीत सिंह परिहार की ओर से दिए आवेदन के बाद खसरा नंबर 715 के अंश रकवा से कच्ची दीवार हटाने का आदेश पारित हुआ है। नोटिस के दूसरे दिन ही 14 जून को तहसीलदार समेत पुलिस अमला मौके पर पहुंचा और ट्रैक्टर से दीवार गिराने लगे। इस दौरान आदिवासी समनु उसकी चपेट में आ गया। समनू कोल को गंभीर हालत में स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे प्राथमिक उपचार के बाद शहडोल अस्पताल रेफर कर दिया गया। समनू और उसका परिवार उस जमीन पर 16 साल से काबिज है।
अब सवाल ह उठाता है कि समनू आदिवासी है। वह न तो माफिया और न ही सरकारी जमीन पर काबिज है। मात्र एक दीवार अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन बड़ी तत्परता से मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। इस दौरान एक बड़ी दुर्घटना हो गई।
वहीं इस संबंध में तहसीलदार चंद्र कुमार का कहना है कि इंद्रजीत सिंह परिहार की जमीन पर बाउंड्रीवाल के बेदखली की कार्रवाई की जा रही थी, तभी गलती से समनु चपेट में आ गया। उसको चोट आ गई। वहीं मामले की जांच की जा रही है।
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