आलोक श्रीवास्तव। प्रदेश रिश्वतखोरी का गढ़ बनता जा रहा है। यहां कोई भी काम बिना रिश्वत दिए नहीं होता। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक भ्रष्टचार में संलिप्त हैं। रोज घूसखोरी के मामले सामने आ रहे हैं। एसपी निवास के सामने एक पटवारी को तीन हजार रुपए रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा है। पटवारी ने फरियादी से नामांतरण में हुई त्रुटि को सुधारने के लिए घूस मांगी थी। यह कार्रवाई शाजापुर में उज्जैन लोकायुक्त ने की है।

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दरअसल, फरियादी योगेश पाटीदार ने दो हजार स्क्वायर फीट का प्लाट महुपुरा हल्के में खरीदा था। फरियादी ने प्लाट के नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन दिया। 08 मार्च को तहसीलदार ने इस प्लाट का नामांतरण फरियादी के नाम किया, लेकिन नामांतरण में भूलवश 2000 वर्ग फीट भूमि की जगह 2000 वर्ग मीटर लिखा गया था। फरियादी ने फिर इस त्रुटि को सुधारने के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन किया। आवेदन देने के बाद भी त्रुटि में जब सुधार नहीं हुआ तो आवेदक ने पटवारी से संपर्क किया।

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वहीं पटवारी धानुक ने फरियादी से गलती सुधारने के लिए तीन हजार रुपए रिश्वत मांगी। फरियादी ने परेशान होकर इसकी शिकायत लोकायुक्त उज्जैन से कर दी। जिसके बाद आज टीम ने फरियादी को केमिकल लगे नोट देकर भेजा, आज जैसे ही पटवारी ने फरियादी से रिश्वत ली, उसी दौरान लोकायुक्त की टीम ने पटवारी को रंगे हाथ दबोच लिया।

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