संतोष राजपूत, शुजालपुर। मध्य प्रदेश में अफसरों की सांठगांठ से नेशनल हाईवे बाईपास बनाने के लिए ली गई खनिज परिवहन की अनुमति को अफसरों और निर्माण एजेंसी ने कमाई का जरिया बना लिया है। सरकारी खनिज परिवहन अनुमति के दुरुपयोग का ये मामला मुख्यमंत्री मोहन यादव के उज्जैन संभाग के शुजालपुर में सामने आया है। जहां सड़क निर्माण कंपनी ने करीब 100 किसानों को 3 हजार से ज्यादा डंफर मिट्टी बेचकर करीब 30 लाख की रकम वसूल लिए, लेकिन सरकारी खजाने में कुछ भी जमा नहीं हुआ।


दरअसल, शुजालपुर में 100 करोड़ की लागत से नेशनल हाईवे का बाईपास रोड बनाने का काम चल रहा है। जहां कमलिया तालाब में अवैध खनन का मामला अभी थमा भी नहीं है। इसी बीच ग्राम किसोनी के तालाब से खनन की गई करीब 3 हजार डंपर मिट्टी और मुरम किसानों को बेचने का खुलासा हुआ है। यह खुलासा किसानों ने ही किया है। बाईपास सड़क बना रही कंपनी को खनिज पर रॉयल्टी से छूट दी गई है, लेकिन खनिज दूसरों को बेचने पर पाबंदी है। जिले में कलेक्टर, एसडीएम, खनिज विभाग की मिलीभगत से सड़क निर्माण कंपनी ने डंपर से मिट्टी किसानों के खेतों तक पहुंचाकर, उनसे लाखों रुपए लिए।

सड़क निर्माण कंपनी को जारी खनिज विभाग की अनुमति के नियम किसानों को पता चले। तब उन्होंने मीडिया से बात कर आप बीती बताई। यह सड़क बनाने और खनिज बेचने के आरोप अपेक्स स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर लगे हैं। इन्हे 1 मार्च 2024 को कलेक्टर कार्यालय खनिज ने परिवहन की अनुमति दी थी। जिसमें खनिज का विक्रय नहीं करने की शर्त की धज्जियां उड़ाते हुए ग्राम किसोनी, कमलिया, देहंडी सहित आसपास के इलाके में 100 से ज्यादा किसानों को 800 से 1200 रुपए प्रति डंपर की दर से 30 लाख की मिट्टी बेच दी गई।

इस रकम की बंदर बाट कर ली गई। लगातार खनिज परिवहन की शर्तों और नियमों का उल्लंघन होने के बाद भी शाजापुर जिला प्रशासन ने अवैध खनन, परिवहन पर अब तक कोई कारवाई नही की हैं। खनिज विभाग के अफसरों ने इन आरोपों को नकारा है।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H