शाजापुर। मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में सांची के उत्पादों को प्लेटफार्म और ट्रेनों में बेचने के एवज में रिश्वत मांगने पर बड़ी कार्रवाई हुई है. विशेष कोर्ट ने बैरागढ़ के तत्कालीन आरपीएफ थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी मैक्सी आरपीएफ और उनके सहयोगी कैंटीन संचालक को 4-4 साल की सजा और पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम शाजापुर जिला न्यायाधीश नीतूकान्त वर्मा ने यह फैसला सुनाई है.
विशेष कोर्ट ने आरोपी शैलन्द्र यादव निरीक्षक थाना प्रभारी रेलवे सुरक्षा बल बैरागढ, आरोपी सुरेश कुमार यादव सहायक उपनिरीक्षक आरपीएफ चौकी प्रभारी मक्सी और आरोपी जीवन चौधरी टी स्टॉल कांट्रैक्टर प्लेटफॉर्म नम्बर 2 मक्सी रेलवे स्टेशन को 4 साल का सश्रम कारावास और पांच हजार रूपए का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया.
जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार ने बताया कि आवेदक राजेश बौरसी ने 16 मई 2013 को लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में उपस्थित होकर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को शिकायती आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था कि उसने सांची पाइंट रेलवे स्टेशन मक्सी में ठेकेदार प्रफुल्ल शुक्ला से किराए में ले रखा है. वह मक्सी रेलवे स्टेशन पर और ट्रेनों के अंदर सांची पांइट के प्रोडक्ट बेचने का उसके बड़े भाई किशन बौरासी और हेल्पेरों की मदद से कार्य करता है.
इस प्रोडक्ट को प्लेटफॉर्म और ट्रेनों के अंदर बेचने के लिए उससे थाना प्रभारी आरपीएफ बैरागढ़ निरीक्षक शैलेन्द्र यादव और उसके साथी रुपए की मांग कर रहे हैं. शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ उन्हें पकड़ा था. लोकायुक्त पुलिस उज्जैन के द्वारा सम्पूर्ण अनुसंधान के बाद चालान विशेष न्यायालय शाजापुर में प्रस्तुत किया गया. अभियोजन की ओर से पैरवी सचिन रायकवार, विशेष लोक अभियोजक जिला शाजापुर द्वारा की गई.
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