धनराज गवली, शाजापुर। मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले से सेना में नौकरी दिलवाले नाम पर 6 युवकों से लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपी ने युवकों से नौकरी के नाम पर 36 लाख से अधिक रुपए लिए थे। वह शहर में खालसा एकेडमी के नाम से ट्रेनिंग सेंटर चल रहा था। हालांकि, इस मामले में कोतवाली थाना पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल, उसके खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर पूछताछ कर रही है।

दरअसल, पुलिस को 25 वर्षीय आरोपी दरबार सिंह के खिलाफ भारतीय सेना में नोकरी का झांसा देकर पैसे लेकर धोखाधड़ी करने के संबंध में आवेदन मिला था। जांच के बाद आरोपी के खिलाफ धारा 420, 464, 468, 471 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया। जानकारी के मुताबिक, देवास निवासी 23 वर्षीय साहित आर्मी की तैयारी कर रहा था। उसे एक परिचित ने बताया कि शाजापुर में दरबार सिंह पैसे लेकर नौकरी लगवाता है। इसके बाद साहिल और उसके दोस्त सचित ने उससे एकेडमी आकर मिले।

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45 दिन में नौकरी लगवाने कही बात

आरोपी ने दोनों से मिलकर कहा कि मैं मिलिट्री इंजीनियर सर्विस में आपको 45 दिन में नौकरी लगवा दूंगा। मेरी वहां पर पहचान है। लेकिन पैसे देना पड़ेगा। आप दोनों मुझे 6-6 लाख रुपए दे दो, तो मैं आप दोनों की मिलिट्री इंजीनियर सर्विस में सरकारी नौकरी लगवा दूंगा। दोनों ने उस पर विश्वास कर लिया और 26 अप्रैल 2022 से लेकर 31 मई 2022 के बीच 6-6 लाख रुपए दिए। दोनों युवकों ने मोबाइल से रुपए देने का वीडियो बनाया था। इसके अलावा देवेंद्र सिंह यादव, राज, उमेश शर्मा, शुभांकित वर्मा ने भी अप्रैल से जुलाई के बीच आरोपी को 6-6 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।

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फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर ले गया दिल्ली

पैसे लेने के बाद वह सभी को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर दस्तावेज वेरीफिकेशन के संबंध में दिल्ली लेकर गया। जहां आर्मी अस्पताल पहाड़गंज में संजय उर्फ सुखजीत सिंह से मिलवाया। जिसने दरबार के कहने पर मेडिकल करवाया। आरोपी ने सभी को रविंद्र सिंह से भी मिलवाया और बोला कि ये आर्मी में सीनियर अधिकारी है और यही तुम सब लोगों की नौकरी लगवाएंगे। उसके बाद फिर सिलीगुडी ट्रेनिंग के नाम पर एक महीने तक रूम में रखा। जहां पर और भी लड़के थे। फिर वहां से यह बोलकर कि अभी ट्रेनिंग नहीं होगी। उन 6 लोगों को वहां से गंगटोक लेकर गया। जहां सभी को 6 दिनों तक रूकवाया, फिर वापस उन्हें सिलीगुडी लाया गया। यहां उनसे बोला कि ट्रेनिग सेंटर में जगह नहीं है। इसके बाद युवकों को रांची भेजा गया और वहां के एक होटल में 15 दिन रखा और बोला गया ट्रेनिंग के लिए मेरठ भेजा जाएगा।

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मेरठ में 3 महीने तक रुके युवक

इतने स्थानों पर घुमाने के बाद उन्हें वापस घर भेजा दिया गया। उसके एक महीने बाद मेरठ बुलवाया गया, जहां ट्रेनिंग के नाम पर मेरठ केंट में आर्मी हास्पिटल के पास 3 माह रूकवाया और काम करवाया गया। जहां पर कोई ट्रेनिंग नहीं हुई। आरोपी फोन पर बोलता रहा, तुम्हारी आज नहीं तो कल ट्रेनिंग होगी। परेशान होकर सभी घर आ गए और आरोपी दरबार से कहा हमें कोई नौकरी नहीं करनी है, तुम हमें हमारे पैसे वापस दे दो। जिस पर आरोपी ने कहा कि मैं तुम्हारे पैसे दे दूंगा। लेकिन उसने पैसे नहीं दिए। पैसे नहीं देने पर कोतवाली पुलिस ने इन युवकों के शिकायती आवेदन पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। वहीं अब पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। मामले में और भी खुलासा होने की संभावना है।

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