कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को कहा कि विदेश नीति भाजपा या कांग्रेस की नहीं, भारत की होती है। अगर राजनीति में कोई प्रधानमंत्री की हार पर खुश होता है, तो वह भारत की हार की खुशी मना रहा होता है। उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू के शब्दों को याद करते हुए कहा, “अगर भारत मर गया, तो कौन जिएगा?” पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति पर बात करते हुए थरूर ने उसे एक बेहद समस्याग्रस्त देश बताया। उन्होंने कहा कि वहां नाम मात्र की नागरिक सरकार है, असली ताकत सेना के हाथ में है। नीति निर्धारण में सेना का दबदबा रहता है और उसी के हिसाब से फैसले होते हैं। कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा कि किसी भी नेता की पहली वफादारी देश के प्रति होनी चाहिए, पार्टी के प्रति नहीं। थरूर 20 जुलाई को कोच्चि में ‘शांति, सद्भाव और राष्ट्रीय विकास’ पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

कांग्रेस नेता ने 25 दिसंबर को देश में गैरकानूनी तरीके से रहने वाले लोगों (अवैध प्रवासियों) के खिलाफ सरकार के एक्शन का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा और इमिग्रेशन व्यवस्था को ठीक से संभालना सरकार की जिम्मेदारी है।

कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने 4 नवंबर को भारत की वंशवादी राजनीति की आलोचना करते हुए एक लेख में कहा था- भारत में राजनीति फैमिली बिजनेस बन गई है। जब तक राजनीति परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती रहेगी, तब तक लोकतांत्रिक सरकार का असली मतलब पूरा नहीं हो सकेगा।

सांसद शशि थरूर ने कहा- पाकिस्तान पहले ड्रोन, रॉकेट और मिसाइल हमलों का सहारा ले चुका है और अब वह और ज्यादा खतरनाक तकनीकों की ओर बढ़ रहा है। पाकिस्तान की यह नई सैन्य नीति ऐसी नहीं है, जिसे भारत नजरअंदाज कर सके। थरूर ने शुक्रवार को इंडिया टुडे से बातचीत की। इस दौरान थरूर ने कहा कि भारत को पाकिस्तान से आने वाले सुरक्षा खतरों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। पाकिस्तान अपनी सैन्य रणनीति बदल रहा है। वह अब हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक और छिपकर हमला करने की नीति पर जोर दे रहा है।

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