आरिफ कुरैशी, श्योपुर। मध्यप्रदेश के श्योपुर में 9वीं कक्षा की छात्रा द्वारा हॉस्टल के अंदर फंदे पर झूलकर आत्महत्या किए जाने का मामला सामने आया है। छात्रा के साथ रहने वाली दूसरी छात्राओं और उसके परिजनों ने पुलिस पर लगातार प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं और कहां है कि पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर उसने यह कदम उठाया है।
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घटना शहर के बाईपास रोड इलाके में संचालित उत्कृष्ट बालिका छात्रावास की है। जहां डूंडीखेडा गांव निवासी नौवीं कक्षा की छात्रा लक्ष्मी भील ने फंदे पर झूल कर आत्महत्या की है। छात्रा के साथ पढ़ने वाली दूसरी छात्राओं और उसके परिजनों का आरोप है कि कोतवाली थाना पुलिस छात्रा लक्ष्मी को पिछले महीने भर से लगातार टॉर्चर कर रही थी। इसकी वजह यह थी कि लक्ष्मी के साथ पढ़ने वाली एक छात्रा महीने भर पहले हॉस्टल से घर जाने की बात कहकर किसी लड़के के साथ भाग गई थी, इसी बात को लेकर कोतवाली पुलिस लक्ष्मी पर दबाव बना रही थी।
लक्ष्मी के परिजनों की माने तो लक्ष्मी कई बार पुलिस को यह बता चुकी कि, उसे कुछ नहीं पता और वह पुलिस को आरोपी युवक के घर का पता बता चुके हैं, इसके बाद भी पुलिस लक्ष्मी को परेशान करती रही। उसे और उसके पिता को जेल भेजने, जेल में जिंदगी भर झाड़ू पोछा लगाने और पीटने की धमकी देते रहे। इसी के चलते लक्ष्मी लगातार परेशान चल रही थी। उसने कई दिनों तक खाना भी नहीं खाया था। आखिरकार में परेशान होकर उसने खुदकुशी कर ली।
इधर लक्ष्मी के परिवार वाले आरोपी पुलिस वालों पर लक्ष्मी की हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। लक्ष्मी के साथ रहने वाली छात्रों का आरोप है कि पुलिस वाले उसे पूछताछ के नाम पर लगातार परेशान कर रहे थे। हॉस्टल की मैडम भी परेशान कर रही थी। उसने कई दिनों तक खाना भी नहीं खाया था, बीते रविवार की रात एक रोटी खाई थी और रात को उसने आत्महत्या कर ली। पुलिस विभाग के अधिकारी सफाई दे रहे हैं कि, जो लड़की भाग गई थी वह लक्ष्मी के साथ रहती थी इसलिए उससे मामूली पूछताछ की थी। पुलिस के अधिकारी अब भले ही कोई भी सफाई क्यों न दें लेकिन, यह एक बड़ी लापरवाही है जिसने एक नाबालिक छात्रा की जान ले ली।
इस बारे में श्योपुर एसडीओपी राजीव कुमार गुप्ता का कहना है कि, अगस्त के महीने में लक्ष्मी के साथ रहने वाली एक लड़की हॉस्टल से घर जाने की बात कह कर कहीं चली गई है, उसके संबंध में पुलिस ने पूछताछ की थी टॉर्चर करने वाली कोई बात नहीं। मृतका के परिजनों का आरोप है कि, वह पुलिस को आरोपी और उसके परिवार का पता ठिकाना लगातार बता रहे थे फिर भी पुलिस उन्हें पकड़ने की बजाय और उनसे पूछताछ करने की बजाय लक्ष्मी को व उन्हें परेशान कर रही थी इस वजह से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया है।
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