अमित शर्मा, श्योपुर। मध्यप्रदेश के श्योपुर (Sheopur) से अगवा हुए चारों चरवाहे बदमाशों के चंगुल से छूटकर विजयपुर (Vijaypur) पहुंच गए हैं। कुछ दिन पहले करीब 8 हथियारबंद बदमाशों ने इनका अपहरण (kidnap) कर लिया था। पुलिस को इस बात की जानकारी तक नहीं थी। लल्लूराम डॉट कॉम (Lalluram. com) ने इन चरवाहों से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि वह बदमाशों के चंगुल से भागकर आए हैं। बदमाशों ने उन्हें राजस्थान के अरोरा के पहाड़ पर ले गए थे। एक-दो दिन बाद कूनो के जंगल ले आए। इस दौरान बदमाशों ने इन्हें लाठी-डंडों से जमकर पीटा भी था। अब पुलिस इन चरवाहों से पूछताछ कर रही है, ताकि बदमाशों के बारे में पता लगाया जा सके।
दरअसल, जिले के धनकर गांव के जंगल से बदमाशों ने तीन चरवाहों का अपहरण किया था, जो शनिवार को बदमाशों के चंगुल से छूटकर विजयपुर पहुंच गए हैं। बदमाशों के चंगुल से छूट कर आए अपहृत गुड्डा बघेल, भरतू और रामस्वरूप यादव ने लल्लूराम डॉट कॉम को बताया कि 8 हथियार धारी बदमाशों ने उनका अपहरण शुक्रवार शनिवार की दरमियानी रात जंगल से किया था। 7 लोगों के पास बंदूक एक के पास लाठी और कट्टा था। जिनकी दम पर वह हमें मारते पीटते हुए धोरेट सरकार के जंगल से होते हुए कूनो के जंगल में लेकर गए।
राजस्थान के अरोरा के पहाड़ पर बनाया बंदी
बदमाशों ने हमारी आंखों पर पट्टी बांध दी थी। जब हम थक कर रुक जाते तो बदमाश लाठी डंडों से बेरहमी से पीटते थे। हम डर के मारे दम लगा कर चलते थे। वह जहां भी रुकते हमारे हाथ पैरों को बांध देते थे। बदमाश हमे चंबल नदी पार करवा कर राजस्थान (Rajasthan) के अरोरा के पहाड़ पर लेकर गए। फिर एक-दो दिन रहने के बाद वहीं हमे कूनों के जंगल में वापस लाए हैं। शनिवार को सुबह वह दिन में सो रहे थे, तब हम घायल रामस्वरूप को कंधे पर बिठाकर चुपचाप वहां से भाग आए थे। जब हमने उनसे पूछा कि खाने में क्या देते थे तो अपहरण से मुक्त हुए गुड्डा ने बताया कि रोजाना एक रोटी देते थे, सब्जी नहीं मिलती थी, एक रोटी से पेट नहीं भरता था लेकिन, उनके पास बंदूकें थी। कुछ भी कहने पर वह हमे बेरहमी से मारते थे इसलिए एक रोटी खाकर पानी पी लेते थे।
बदमाशों ने पैर के नाखून तक जला दिया
जिन तीन चरवाहों का अपहरण बदमाशों के द्वारा किया गया था उनमें से रामस्वरूप यादव सबसे ज्यादा बुजुर्ग थे। जो 2 दिन चलने के बाद थक हार गए, तो बदमाशों ने उन्हें पहले बेरहमी से पीटा, बाद में जब मारपीट के बाद भी वह ठीक से नहीं चल पा रहे थे तो बदमाशों ने उनके पैरों की उंगलियों के नाखूनों में आग लगा दी, इससे उनके नाखून और पैर जल गए। इसके अलावा उनकी आंख और नाक में भी चोटें आई हैं, जिन्हें विजयपुर से गंभीर हालत में उपचार के बाद ग्वालियर (Gwalior) के लिए रेफर किया गया है। घायल रामस्वरूप यादव ने बताया कि मुझे बहुत मारा है मेरी नाक से खून आ गया, आंखों में भी चोट के निशान हैं।
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बदमाश 3 चरवाहों का अपहरण करके पहले मारते पीटते हुए राजस्थान लेकर गए और फिर पुलिस को चकमा देकर वापस श्योपुर जिले के कूनो इलाके के जंगल में ले आए। पुलिस बदमाशों को राजस्थान के करौली जिले (Karauli) के जंगल में तलाशती घूम रही थी। तभी चरवाहे बदमाशों के चंगुल से मुक्त होकर शनिवार दोपहर जंगल से निकलकर विजयपुर नगर के बाजार में पहुंच गए। जिसकी खबर पुलिस को तब लगी जब लल्लूराम डॉट कॉम ने मुक्त हुए चरवाहों का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू (Exclusive Interview) टीवी स्क्रीन पर दिखा दिया। पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस अधिकारी बदमाशों को तलाशने के लिए मुक्त हुए चरवाहों से पूछताछ कर रहे हैं। चरवाहे भरतू बघेल ने बताया कि वह भागकर आ गए, किसी ने उन्हें नहीं छुड़ाया है।
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