कपिल मिश्रा, शिवपुरी। मध्यप्रदेश के शिवपुरी में एक बार फिर जेल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां एक कैदी की आंख के ऑपरेशन के लिए दवाइयां परिजन से मंगवाई गई. इतना ही नहीं डिस्चार्ज के बाद मरीज कैदी को दूसरे दिन ड्रेसिंग के लिए दोबारा अस्पताल भी नहीं लाया गया. अब जेल प्रबंधन इस मामले में कुछ कहने से बच रहा था.

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दरअसल, शिवपुरी की सर्किल जेल में बंद कैदी कल्ला का 28 जनवरी को डॉक्टरों ने आंख का ऑपरेशन किया था, लेकिन ऑपरेशन के लिए जो दवाएं आईं वह कैदी के परिजन से मंगवाई गईं. यहां तक कि आंखों पर लगाने के लिए काला चश्मा और ड्राप भी कैदी के बेटे से ही खरीदवाए गए, जबकि नियम के अनुसार कैदी को यह सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जेल प्रबंधन की होती है.

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ड्रेसिंग करवाने में बरती गई लापरवाही

28 जनवरी को ऑपरेशन के बाद ही मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया था. डॉक्टरों ने ड्रेसिंग के लिए मरीज को शनिवार 29 जनवरी को फिर लाने को कहा था. लेकिन जेल प्रबंधन ने लापरवाही बरतते हुए उसे 29 जनवरी को ड्रेसिंग के लिए नहीं पहुंचवाया. इधर, सर्किल जेल के जेलर दिलीप सिंह से जब बात की गई तो उनका कहना है कि गार्ड नहीं था, इसलिए कैदी को नहीं भेज पाए थे, जब गार्ड मिल गया तब कैदी को भिजवाया गया. वहीं परिजनों से दवाई मंगवाने के सवाल पर जेलर ने कहा कि मुझको इसकी जानकारी नहीं है

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