राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी बाज नहीं आ रहे हैं। शिवपुरी जिले में रिश्वतखोरी का चौकाने वाला मामला सामने आया है। खनियाधाना में नव निर्वाचित सरपंच से चुनाव जीतने के बाद प्रमाण पत्र देने के बदले 1 लाख रिश्वत लेते नायब तहसीलदार को गिरफ्तार किया गया है। लोकायुक्त पुलिस ने यह कार्रवाई की है।

रिश्वतखोरी: 40 हजार रुपए घूस लेते हुए रोजगार सहायक गिरफ्तार, लोकायुक्त टीम ने की कार्रवाई

मध्यप्रदेश में हाल ही में पंचायत चुनाव हुए हैं। जीतने वाले नव निर्वाचित सरपंचों को 14 जुलाई को प्रमाण पत्र का वितरित किया जाएगा। लेकिन शिवपुरी में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। शिवपुरी जिले की बरसोला पंचायत से सरपंच पद पर जीते उमाशंकर लोधी से खनियाधाना नायब तहसीलदार सुधाकर तिवारी ने प्रमाण पत्र देने के नाम पर तीन लाख रुपए की रिश्वत मांगी। डेढ़ लाख में सौदा तय हुआ। लेकिन फरियादी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में कर दी। वहीं आज लोकायुक्त की टीम ने 1 लाख लेते हुए तहसीलदार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

सरपंच प्रत्याशी उमाशंकर लोधी ने बताया कि मेरी 5 वोट से जीत हुई है। रिश्वत नहीं देने पर तहसीलदार ने विपक्ष प्रत्याशी को जीत का प्रमाण पत्र देने की बात कही। तहसीलदार सुधाकर तिवारी ने प्रमाण पत्र देने के लिए तीन लाख रुपए रिश्वत मांगी। बातचीत हुई तो डेढ़ लाख में डील हो गई। लेकिन फरियादी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त के अधिकारियों से कर दी। जिसके बाद लोकायुक्त ने यह कार्रवाई की। माना जा रहा है कि इस तरह का मध्यप्रदेश में यह पहला मामला है।

वहीं लोकायुक्त टीआई कविंद्र सिंह चौहान ने बताया कि जीत का प्रमाण पत्र के लिए नायब तहसीलदार ने उमाशंकर लोधी से तीन लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। आज एक लाख लेते हुए नायब तहसीलदार को पकड़ा गया है। बता दें कि वर्तमान में सुधाकर तिवारी के पास प्रभारी तहसीलदार का प्रभार है।

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