अनिल मालवीय, इछावर। मध्य प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों की खिदमत में लगे कई वाहन बिना टैक्सी परमिट के ही संचालित हो रहा है। इससे यातायात नियमों का उल्लंघन हो रही है। साथ ही परिवहन विभाग को लाखों के राजस्व की हानि भी हो रही है। ताजा मामला सीहोर जिले के इछावर तहसील कार्यालय से सामने आया है। जहां एसडीएम के लिए अधिग्रहण की गई बोलेरो बिना टैक्सी परमिट के ही सडकों पर फर्राटे से दौड़ रही है। वाहन का टैक्सी परमिट पास नहीं होने के बाद भी अधिकारी इसका उपयोग कर रहे हैं।
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वाहन का परिवहन विभाग से बिना टैक्सी परमिट लिए संचालन करने से सहायक संभागीय परिवहन विभाग को हर महीने लाखों रुपए का चूना लग रहा है। जबकि शासनादेश है कि वित्त विभाग की मंजूरी अनुबंध होने के बाद परिवहन विभाग से टैक्सी परमिट के बाद ही सरकारी विभागों में लगाया जाए। अधिकांश विभाग शासनादेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
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निजी वाहन मालिकों के वाहन किराए पर लगे हैं, उनमें कई वाहन तो विभागीय कर्मचारियों या उनके नाते रिश्तेदारों के 16 से 18 हजार रुपए महीने पर लगे हैं। टैक्स चोरी के अलावा डीजल भी 10 हजार रुपए महीने का चोरी हो रहा है। खास बात तो यह है कि जो बोलेरो पहले कभी विभागों में लगी रही वह भी अपने वाहनों में एमपी सरकार की पट्टी डालकर विभागों में संबद्ध न होने के बाद भी सड़कों पर दौड़ रही हैं।
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