पुष्पलेश द्विवेदी, सिंगरौली। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिला अस्पताल सह ट्रामा सेंटर में बच्चा बदले जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि उन्हें बेटा पैदा हुआ था, लेकिन छुट्टी के बाद उन्हें बेटी दे दी गई। वहीं अस्पताल प्रबंधन इस पूरे मामले से इंकार कर रहा है। 

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मिली जानकारी के अनुसार सिंगरौली जिले के सरई इलाके से प्रसव कराने बैढ़न के ट्रामा सेंटर पहुंची सुनीता रावत और उनके पति राम गोविंद रावत ने ट्रामा सेंटर प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उनकी पत्नी 25 जुलाई को ट्रामा सेंटर में नवजात शिशु को जन्म दिया था जो बेटा था। उसकी हालत ठीक ना होने की वजह से एसएनसीयू में भर्ती करवाया गया उसके बाद 6 अगस्त को जब उन्हें डिस्चार्ज किया गया तो उन्हें बेटे की जगह बेटी दे दी गई, उनका कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से ऐसा हुआ है। 

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वहीं इस पूरे मामले पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ओपी झा का कहना है कि जब बच्चे का जन्म हुआ था उस समय से लेकर अब तक के सारे प्रमाण मौजूद हैं। जिस बच्चे का जन्म हुआ था वही बच्चा परिजनों को सौंपा गया है। डॉक्टर का यह भी कहना है कि इन 10 दिनों के भीतर बच्चे की मां लगातार बच्चों को स्तनपान भी कर रही थी। अब अचानक यह आरोप लगाना की बच्चा बदल गया है, यह गलत है। 

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जिला चिकित्सालय में लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी जिला अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के कई आरोप लग चुके हैं, अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मामले प्रबंधन क्या एक्शन लेता है। 

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