पुष्पलेश द्विवेदी,सिंगरौली। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है। उच्च शिक्षा माफियाओं की मनमानी इस तरह हावी है कि जिला प्रशासन न तो कोई जांच कर रहा है और न ही कोई कार्रवाई की हिम्मत जुटा पा रहा है। साथ ही विभाग के अफसर मौन बैठे हैं।

दरअसल, जिले में कई निजी कॉलेज ऐसे है जो दो-चार कमरों में ही बीए, बीएससी, एमए, एमएससी, बीकॉम, एमकॉम, बीसीए, बीबीए समेत डीसीए और पीजीडीसीए जैसे कोर्स संचालित कर रहे हैं। इन कॉलेजों में सुविधाएं भी नहीं है। साथ ही ये निजी कॉलेज सिर्फ एक-दो महीने के लिए ही अस्थाई शिक्षकों को नियुक्त करते है। इतना ही नहीं कॉलेज प्रबंधन छात्रों से मोटी रकम वसूल कर सभी पाठ्यक्रमों की डिग्रियां भी बांट रहे है। ऐसे में छात्रों का भविष्य भगवान भरोसे नजर आ रहा है।

सिंगरौली निगम कर्मचारियों का आशियाना उजाड़ने की तैयारी: बिल्डर्स को मुफ्त में दी जाएगी करोड़ों की जमीन, अधिकारी-कर्मचारियों में मचा हड़कंप

जिले के बिलौंजी में राजीव गांधी कॉलेज, महात्मा गांधी कॉलेज, एनआईसीटी कन्या महाविद्यालय और एसआईसीटी कॉलेज, साईं महाविद्यालय ढोंटी विंध्यनगर, हाईट कॉलेज बरगवां, मायाराम महाविद्यालय मेढ़ौली मोरवा, आईजी कॉलेज पडै़निया, साई शैलमंगलम कॉलेज में उच्च शिक्षा विभाग के तहत पढ़ाया जा रहा है।

निजी कॉलेजों की बढ़ती संख्या से मानकों का लगातार उल्लंघन हो रहा है। अधिकांश कॉलेजों में शिक्षा के लिए जरूरी ढांचा ही मौजूद नहीं है। फिर भी उन्हें अनुमति मिल जाती है। इतना ही नहीं निर्धारित संख्या से अधिक छात्रों को प्रवेश भी दे दिया जाता है। इन अनियमितताओं के चलते भ्रष्टाचार की स्थिती बनी हुई है। निजी कॉलेजों में कई तरह की गंभीर खामियां पाई गई हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कड़े मापदंड बनाए गए हैं। लेकिन शहर सहित ग्रामीण अंचलों में संचालित निजी कॉलेज प्रबंधन अपनी मनमानी कर रहे हैं।

महाकाल लोक का लोकार्पण आज: VVIP हस्तियों के पहुंचने का सिलसिला जारी, सीएम के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य पहुंचे, बोले- सिंधिया परिवार के पूर्वजों ने बनवाया था महाकाल मंदिर

न सुविधा और न ही साधन, पेशेवर डिग्री बांटते कॉलेजों के प्रबंधन

  1. राजीव गांधी कॉलेज बिलौंजी
    कोर्स – बीए, बीएससी, बीकॉम, डीसीए व पीजीडीसीए
    छात्रों की संख्या – 425
    फैकल्टी – 11
    मान्यता – अवधेश प्रताप सिंह व माखनलाल।
  2. एनआईसीटी कन्या महाविद्यालय बिलौंजी
    कोर्स – बीए, बीएससी, बीकॉम, डीसीए व पीजीडीसीए
    छात्र की संख्या – 442
    फैकल्टी – 10
    मान्यता – अवधेश प्रताप सिंह व माखनलाल।
  3. साईं महाविद्यालय ढोंटी विंध्यनगर
    कोर्स – बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी, एमकॉम
    छात्र की संख्या – 1200
    फैकल्टी – 35
    मान्यता – अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा।
  4. आईजी कॉलेज पडै़निया
    कोर्स – बीए, बीएससी, बीकॉम
    छात्र की संख्या – 350
    फैकल्टी – 10
    मान्यता – अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा।
  5. हाईट कॉलेज बरगवां
    कोर्स – बीए, बीएससी, बीकॉम, डीसीए व पीजीडीसीए
    छात्र की संख्या – 450
    फैकल्टी – 08
    मान्यता – कॉलेज प्रबंधन अमित श्रीवास्तव नहीं बता सके।

इन कॉलेजों में क्षमता से अधिक छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। विद्यार्थियों से मोटी फीस वसूली जाती है। इसके साथ ही कॉलेजों के लिए न तो कोई भवन है और न ही योग्य फैकल्टी। नियमानुसार वेतन, वाहन पार्किंग की व्यवस्था, खेल सुविधाएं भी नहीं है।

वहीं इस पूरे मामले में जिले के कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने कहा कि निजी कॉलेजों में अध्ययन-अध्यापन की जांच कराई जाएगी। अगर कॉलेज निर्धारित मानक के अनुरूप संचालित नहीं होते, तो उन पर नियम के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus