कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के राम वन गमन पथ (Ram Van Gaman Path) के लिए ग्वालियर (Gwalior) में मूर्तियां तैयार हो रही है। ग्वालियर मिंट स्टोन (Gwalior Mint Stone) से तैयार हो रही इन मूर्तियों को आकार दिया जा रहा है। नेशनल अवॉर्डी दीपक विश्वकर्मा इस प्रोजेक्ट में सप्त ऋषियों की सात अलग-अलग मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं। जिसके लिए डिजाइन भी फाइनल कर काम शुरू कर दिया गया है।
जिले के बेजाताल स्थित रीजनल आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर में सिंगल पत्थर पर ये तैयार की जा रही है। यह सातों मूर्तियां एक ही आकार की होंगी। बस इनको अलग-अलग मुद्राओं में तैयार किया जाएगा। इनकी ऊंचाई 6 फीट, मोटाई 3 फीट और चौड़ाई 4 फीट रहेगी। प्रत्येक मूर्ति का वजन भी लगभग डेढ़ टन होगा।
आपको बता दें कि ग्वालियर मिंट स्टोन दूसरे पत्थरो की तुलना में बहुत मजबूत होता है। इस पत्थर के रेशे आपस में बंधे रहते हैं,। जिस पर बारीक नक्काशी हो जाती है। यह पत्थर ग्वालियर अंचल में ही पाया जाता है। इसकी मजबूती के चलते ही छत्तीसगढ़ सरकार ग्वालियर के मिंट स्टोन से राम वन गमन पथ के लिए मूर्तियां तैयार करवा रही है। इससे पहले मिंट स्टोन से ही तैयार की गई 21 फीट और 25 फीट की वनवासी राम की मूर्तियों को छत्तीसगढ़ भेजा जा चुका है।
गौरतलब है कि सप्त ऋषियों की इन मूर्तियों में गुरु कश्यप, गुरु अत्री, गुरु भारद्वाज, गुरु विश्वामित्र, गुरु गौतम, गुरु जमदग्नि और गुरु वशिष्ट की मूर्तियां बनेंगी। जिन पर लगभग 21 लाख रुपये का खर्चा आएगा। खास बात यह भी है कि ऐसा माना जाता है कि श्री राम ने 14 साल वनवास के दौरान करीब 10 साल छत्तीसगढ़ में बिताए थे। ऐसे में राम वन गमन पथ प्रोजेक्ट में छत्तीसगढ़ के उन स्थानों को शामिल किया गया है, जहां से वह गुजरे थे, इसकी लंबाई 2260 किलोमीटर है। इस प्रोजेक्ट को अलग-अलग चरणों में बनाया जाएगा। ऐसे में सरकार उन सभी जगहों को सवारने में जुटी है, जहां से राम वन गमन पथ गुजरा है।
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